पटना। राष्ट्रीय जनता दल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा 27 अगस्त को बुलाई गई “भाजपा भगाओ-देश बचाओ रैली” में 18 दलों ने भाजपा के खिलाफ जंग का ऐलान किया. बिहार के 20 जिलों में बाढ़ के बावजूद पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान आधा से ज्यादा भरा रहा. तकरीबन 7 लाख की क्षमता वाले गांधी मैदान में लाखों समर्थकों के पहुंचने से लालू यादव और विपक्षी दल गदगद दिखे.
लालू के साथ मंच साझा करने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और सी.पी जोशी, जदयू के विद्रोही धड़े से शरद यादव, अली अनवर और रमई राम, सीपीआई से डी. राजा, झारखंड विकास मोर्चा के बाबू लाल मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन और राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी शामिल प्रमुख नाम थे.
इस दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी का रिकार्डेड मैसेज भी सुनाया गया. हालांकि विपक्ष के दो बड़े दलों मायावती की बहुजन समाज पार्टी और शरद पंवार की एनसीपी ने रैली से दूरी बनाए रखी.
लालू यादव के साथ मंच पर राबड़ी देवी सहित उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेजपाल यादव और बेटी मीसा भारती मौजूद रहें. लालू यादव के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर खुल कर हमला बोला. तेजस्वी यादव ने अपने छोटे भाई और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार के खिलाफ लड़ाई का अस्त्र कहा तो तेजस्वी यादव ने मौजूद लोगों से आने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 की गलती सुधारने की अपील की. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ खुले जंग का ऐलान किया.
ममता बनर्जी ने कहा कि उनका विश्वास हमेशा से लालू यादव पर रहा है और वह इस रैली में उनका संबल बढ़ाने के लिए आई हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के खिलाफ गठबंधन बढ़ता जा रहा है और इसे और बढ़ाने की जरूरत है. शरद यादव ने नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन को धोखा दिए जाने की बात कही तो लालू यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह नीतीश कुमार की आखिरी पलटी है. विपक्ष की इस एकजुटता भविष्य में भाजपा के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है और 2019 लोकसभा चुनाव में उसके 350+ का टारगेट मुंह के बल गिर सकता है.
पटना से मोहित और सुशील कुमार की रिपोर्ट

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