अहमदाबाद। अहमदाबाद के एक गांव की दलित सरपंच, पिंटूबेन ने अपनी व्यक्तिगत पूंजी में से दस लाख रुपए शिव मंदिर के निर्माण में लगा दिए, लेकिन अब उन्हें ही इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल पा रही है. ग्रामीणों की मांग पर दलित सरपंच ने इसके निर्माण का खर्च उठाया. उन्होंने बताया कि अब तक मंदिर के निर्माण में वे 10 लाख रुपए खर्च कर चुकी हैं.
डेलीमेल ऑनलाइन में छपी खबर के अनुसार, छोटे से गांव राहेमालपुर की सरपंच मंदिर के प्रांगण में प्रवेश नहीं कर सकती हैं क्योंकि वह दलित हैं. दलित को नीची जाति में रखा जाता है और उन्हें हिंदू पूजा स्थलों में प्रवेश की सख्त मनाही होती है. महिला सरपंच पिंटूबेन ने बताया कि ग्रामीणों ने मंदिर के निर्माण की मांग की और उनकी इस मांग को देखते हुए 10 लाख रुपए दान में दिया ताकि मंदिर बन सके. पिंटूबेन ने बताया कि यह रकम उनकी अपनी है न कि सरपंच को आवंटित किए गए पैसे हैं. अपने 35 बीघा जमीन की उपज बेचकर उन्होंने यह पूंजी जमा की थी.
जब उनसे पूछा गया, ”आपने इतना खर्च किया, क्या आप मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहेंगी.” उन्होंने कहा, ”मैं चाहूंगी लेकिन वहां विरोध है, हंगामा हो सकता है. वहां की भीड़ यह बोलेगी कि मेरे जाने से मंदिर अशुद्ध हो गया, भगवान अशुद्ध हो गए.”

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