कोलकाता। दंगा भड़काने के मामले में एक बार फिर आऱएसएस का नाम उछला है. इस बार आरोप संघ विचारक मनोज सिन्हा पर है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है. ममता ने संघ विचारक राकेश सिन्हा पर कानूनी चाबुक चलाकर उनकी गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगा दी है. सिन्हा पर शांति भंग करने और दंगा भडकाने के आरोप में उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल की पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर गैर जमानती वारंट जारी किया है.
सिन्हा के खिलाफ कलकत्ता के सेक्शपीयर सरानी थाने में 12 जुलाई को भारतीय अचार संहिता की धारा 153 ए1 (ए)(बी), 505(1)(बी),295ए,120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन धाराओं के जरिए राकेश सिन्हा के खिलाफ दंगा भडकाने, लोगों की भावनाओं को आहत करने और भविष्य में उनके बयानों के जरिए दंगा भडकने की आशंका जताई गई है.
बता दें कि सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे फोटो और पोस्ट डाले थे जिससे सूबे की शांति व्यवस्था भंग हुई थी. हालांकि सिन्हा का कहना है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे की पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बेपटरी हो.
बता दें की अपने अकाउंट से विवादित सामग्री हटाने के बाद उन्होंने बताया कि मेरे ट्वीटर और फेसबूक पेज पर दंगा भडकाने वाले बातों के लिखे जाने का एफआईआर में वर्णन है. जबकि मैंने अपने सोशल मीडिया साईट पर कोई विवादित फोटो नहीं डाली है. बीते कई दिनों में महज तीन फोटो डाली हैं. जिसमें एक तस्वीर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पुरस्कार ग्रहण करते वक्त, दूसरी फोटो पीएम मोदी के साथ बुक रिलीज के एक कार्यक्रम की है और तीसरी फोटो उज्जैन के महाकाल की है.
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