बेंगलुरु में जुटे 26 राजनीतिक दलों ने अपनी दो दिन की बैठक के बाद नए गठबंधन की घोषणा कर दी है। नए गठबंधन का नाम Indian National Democratic Inclusive Alliance यानी INDIA होगा। शुरुआती तौर पर देखें तो विपक्ष की इस दो दिवसीय बैठक की यह बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
साफ है कि भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए इस बार विपक्ष ने पूरा जोर लगा दिया है। बंगलुरु में विपक्ष की दो दिवसिय बैठक में नेताओं का महाजुटान हुआ है। इस बैठक में 26 राजनीतिक दल जुटे। जब नेताओं का इतना बड़ा जमावड़ा लगा हो तो बैठक के दूसरे दिन से उनके अलग-अलग सुर सुनाई देने लगते हैं। लेकिन इस बार विपक्ष एक सुर में बोल रहा है। और वह है देश में महंगाई, बेरोजगारी को बढ़ा देने वाली एक समाज को दूसरे समाज का दुश्मन बना देने वाली भारतीय जनता पार्टी को रोकना।
इस बैठक में लालू से लेकर ममता, सपा नेता अखिलेश यादव से लेकर आप के अरविंद केजरीवाल सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से दिग्गज जुटे हैं। सबने एक सुर से इस बैठक और एकजुटता को जरूरी बताया। ममता बनर्जी ने कहा कि यह बैठक बहुत जरूरी है। जबकि लालू यादव ने इस मौके पर कहा कि हम लोग देश के लिए जुटे हैं। जबकि केजरीवाल का कहना था कि जनता ने नरेन्द्र मोदी को 10 सालों का मौका दिया, लेकिन वह हर क्षेत्र में फेल रहे हैं।
साफ है कि विपक्षी खेमे ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। दिल्ली में सत्ता के गलियारे में तमाम लोग डरे हुए हैं। जो मीडिया सत्ता के साथ मिलकर गाल बजाती थी, वह भी बदलाव की आहट देखने लगी है। कुल मिलाकर विपक्ष की गोलबंदी देश में उन तमाम लोगों को यह मैसेज देने में सफल होती हुई दिख रही है कि अगर आप बदलाव चाहते हैं तो यह मुमकिन है। विपक्ष 2024 में केंद्र में बदलाव के लिए साथ आ चुका है, देखना है, जनता उसके साथ कितना आती है।
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