रांची। आदिवासी सेना और बिरसा सेवा दल के तत्वाधान में बीते मंगलवार (31 अक्टूबर) को रांची के मोरहाबादी मैदान में भाजपा हटाओ, झारखंड बचाओ महारैली आयोजित की गई. झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव बंधु तिर्की की पहल पर आयोजित की गई इस रैली में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दल सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की.
इस महारैली में राजनीतिक दलों के अलावा कई सामाजिक संगठन भी शामिल हुए. 2019 में होनेवाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया और पांच प्रस्ताव रखे. इस प्रस्ताव में सरना कोड लागू करने, रघुवर सरकार को उखाड़ने, आरक्षण में छेड़छाड़ का विरोध करने, गोरक्षा के नाम पर हो रहे अन्याय को समाप्त करने और भूमि अधिग्रहण बिल 2013 में किये गये संशोधन के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया गया.
रैली में वक्ताओं ने रघुवर सरकार को गरीब, आदिवासी और झारखंडी विरोधी बताया. उद्योगों के नाम पर आदिवासियों की जमीन और स्थानीयता के नाम पर झारखंडियों की नौकरी छीनने का साजिशकर्ता करार दिया. झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार झारखंड के लोगों के हालात को नजरअंदाज कर रही है. भूल रही है कि धरती की हर बड़ी लड़ाई जमीन को लेकर ही लड़ी गयी है.
उन्होंने आगे कहा कि बिरसा मुंडा जैसे आदिवासियों के पूर्वजों ने भी इसी वजह से ऐसी लड़ाई कि अंग्रेजों को भी झारखंडियों की जमीन बचाने के लिए सीएनटी, एसपीटी एक्ट बनाना पड़ा. फिर भी आजादी के बाद झारखंड के लोगों की हजारों एकड़ जमीन विकास के नाम पर छीन ली गयी. आज भी उन विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है. 2014 के बाद से बनी सरकार ने केवल लोगों को जमीन से उजाड़ने का काम किया. लोगों की सुनने के लिए सरकार तैयार नहीं है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।