इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनके दो बेटों के खिलाफ लंदन में गलत तरीके से प्राप्त धन से संपत्ति खरीदने के आरोप लगे थे. इन आरोपों की जांच कर रही जेआईटी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दूसरे पखवाड़े की पहली रिपोर्ट सौंपी. सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए गए फैसले में सरकार से कहा था कि इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच टीम, जेआईटी का गठन किया जाए. अदालत ने मामले में हो रही जांच से संतोष जताया और कहा कि जेआईटी को 60 दिनों के अंदर जांच पूरी कर लेनी चाहिए जैसा कि पहले निर्धारित किया गया था. अदालत के 20 अप्रैल के आदेश के तहत जेआईटी को अपनी जांच 60 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी. लेकिन इसे अदालत के साथ 15 दिनों की रिपोर्ट साझा करनी होगी. अदालत ने जेआईटी को अतिरिक्त समय न देने की चेतावनी भी दी.
जेआईटी की बाधाओं और समस्याओं पर जवाब देते हुए पीठ की अध्यक्षता करने वाले जज एजाज अफजल खान ने जेआईटी को जांच का अलग से लिखित ब्यौरा देने के लिए कहा. इस बीच शरीफ के बेटे हुसैन नवाज़ की तस्वीर के मुद्दे ने अदालत में जोर पकड़ा. क्योंकि हुसैन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत की पीठ से कहा कि तस्वीर से जुड़ी उनकी याचिका पर जल्दी से जल्दी सुनवाई की जाए. हुसैन ने अपनी याचिका में अदालत से कहा कि एक आयोग का गठन किया जाए और जांच की जाए कि तस्वीर कैसे खींची गई और कैसे सोशल मीडिया में प्रसारित हुई.
शरीफ के परिवार और उनके समर्थकों ने दावा किया कि हुसैन का जांचकर्ताओं के समक्ष कमरे में अकेले बैठने की तस्वीर का उद्देश्य शरीफ परिवार को परेशान करना था. अदालत ने सुनवाई की तारीख 12 जून रखते हुए जेआईटी से कहा कि हुसैन की याचिका पर जवाब दें. शरीफ के दो बेटे हुसैन और हसन जेआईटी के समक्ष पेश हो चुके हैं. मामले में जेआईटी प्रधानमंत्री से भी पूछताछ करेगी.
मामला पनामा पेपर्स से जुड़ा हुआ है जो दर्शाता है कि शरीफ के परिवार की विदेशों में कंपनियां हैं, जो लंदन की संपत्ति की देखरेख करती हैं. पनामा पेपर्स मामले में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में शरीफ के पक्ष में फैसला 2 के बजाए 3 मतों से रहा. पनामा पेपर्स लीक में शरीफ के बेटों की कंपनी ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में होने की बात पता चली, जो लंदन में महंगी संपत्ति खरीद से जुड़ी हुई हैं. विपक्षी दलों ने शरीफ पर विदेशों में धन के स्रोत का पता न बताने संसद में झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं. शरीफ और उनके परिवार ने किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होने से इंकार किया है.
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