बांदा। यूपी में दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसा ही एक मामला बांदा में सामने आया है, जहां दलित बाप-बेटे को दबंग जिला पंचायत सदस्य की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है. परिवार के मुखिया का गुनाह सिर्फ इतना था कि सड़क से गुजर रहे पंचायत सदस्य के उन्होंने पैर नहीं छुए थे. जिसके बाद अपने गुर्गों के साथ दलित बस्ती में पहुंचकर तांडव मचाया और एक दलित को अपने साथ ले जाकर नंगा कर पीटा, उसके बाद जूतों की माला पहनाकर घुमाने की कोशिश की.
पीड़ित ने बताया कि उसे नंगा कर पीटा गया और जूते की माला पहनाकर गांव में घुमाने की कोशिश की गयी और बाद में थाने में भी पिटवाया गया. पुलिस वालों ने पिटाई करने के बाद फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देकर राजीनामे पर अंगूठा भी लगवा लिया.
दरअसल, बांदा देहात कोतवाली क्षेत्र के जमुनीपुर गांव के मजरा गढ़ुवा के डेरा में रहने वाले पंचू का कुसूर सिर्फ इतना था कि रात में अपनी चमचमाती गाड़ी में आ रहे बांदा जिला पंचायत सदस्य जितवा यादव से राम-राम तो किया, लेकिन आगे बढ़कर पैर नहीं छुआ. बस इसी गुनाह के लिए दबंग ने उसे बांधकर पीटा. पीड़ित परिवार का आरोप है कि अगली सुबह जितवा यादव अपने दर्जनों गुर्गों के साथ उनके घर पर हमला बोल दिया, पंचू को गाड़ी में लादकर ले गया और घर में बंद कर बुरी तरह से पिटाई की और निर्वस्त्र कर जूतों की माला पहनाकर अपने साथ घुमाने की भी कोशिश की. बाद में इसे गाड़ी में लादकर देहात कोतवाली ले गए और वहां भी पूरे दिन और रात पुलिस से उसे पिटवाया. फिर अगली सुबह जबरन राजीनामे पर अंगूठा लगवाकर छोड़ दिया.
वहीं उसी गांव के हरिचरण पर भी यादव और पुलिस ने साझा अत्याचार किया है. इसका गुनाह भी पंचू जैसा था. उच्च जाति के जितवा यादव को इसने राम-राम तो किया, लेकिन पैर नहीं छुआ था. रात के वक्त इसके घर में भी जितवा यादव अपने गुर्गों के साथ हमला बोल दिया और इसके साथ ही घर की महिलाओं की भी पिटाई कर दी.
पीड़ित हरिचरण को भी जबरन गाड़ी में लादकर इस दबंग ने देहात कोतवाली पहुंचा दिया और फिर देहात कोतवाली ने पूरा दिन और पूरी रात टॉर्चर किया. जब गांव वाले एसपी के पास शिकायत करने पहुंचे, तब उसे भी राजीनामे पर अंगूठा लगवाकर छोड़ दिया गया.
(साभारः ईनाडू इंडिया)

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