अंतरराष्ट्रीय बहुजन तैराक सतेन्द्र ने किया एक और कारनामा

नई दिल्ली- कहते हैं कि अगर आपके मन में कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो राहें लाख मुश्किलें खड़ी करें, कामयाबी हासिल हो ही जाती है। ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश के रहने वाले सतेन्द्र सिंह लोहिया की। जिन्होंने अपनी मेहनत और कुछ कर गुजरने के होसले के साथ सिर्फ अपने राज्य का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।

मध्यप्रदेश के भिंड जिले के ग्राम गाता में रहने वाले सतेन्द्र बचपन से ही दिव्यांग है लेकिन उनके सपने एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही बड़े और सुनहरे हैं। अपने सपनों के बीच सतेन्द्र ने कभी अपनी विकलांगता को नहीं आने दिया। उन्होंने खुद पर विश्वास कर परिस्थितियों को अपनी मेहनत से बदल दिया और एक पैरा स्वीमर बनने का फैसला किया।

इसके बाद सतेन्द्र ने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा और अपनी कड़ी मेहनत और हुनर के दम पर ढेरों पदक जीते। ये उनका खुद पर विश्वास का ही नतीजा है कि वो आज एक अंतरराष्ट्रीय पैरा स्वीमर हैं।

नाम हैं इतनी उपलब्धियां
सतेन्द्र ने 7 नेशनल पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भाग लेकर देश के लिए अब तक 24 पदक हासिल किए हैं। इसके साथ ही, 3 अंतरराष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में देश के लिए एक गोल्ड मेडल के साथ कुल 4 मैडल जीते हैं।

एशिया के पहले पैरा स्वीमर 
सतेन्द्र ने 24 जून 2018 को एक रिले इवेंट में, 12 घंटे 24 मिनट में इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया था, इस इवेंट के लिए उनका नाम एशियाई लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। इसके बाद, 18 अगस्त 2019 को अमेरिका में सतेन्द्र ने 11 घंटे 34 मिनट में कैटरीना चैनल पार किया। जिसके साथ ही, सतेन्द्र टीम इवेंट में, कैटरीना चैनल को पार करने वाले पहले एशियाई दिव्यांग तैराक बन गए।

इसके बाद, सतेन्द्र ने अपने सपनों की एक और उड़ान भरते हुए, अपनी टीम के साथ अरब सागर में धरमतर जेट्टी से गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई तक 36 कि.मी। की दूरी तैरकर 10 घंटे 3 मिनट में तय की। इसे भारत में सबसे मुश्किल चैनल माना जाता है।

यहां आपको ये भी बता दें कि अरब महासागर का यह हिस्सा विशेष रूप से शार्कों से भरा हुआ है और चैनल का पानी लगभग 12 डिग्री रहता है, इसलिए तैराकों के लिए चैनल पार करना बेहद साहस और मुश्किल भरा हो जाता है। लेकिन सतेन्द्र ने इसे किसी चुनौती की तरह लिया और उस पर जीत हासिल की।

राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सम्मानित
सतेन्द्र को साल 2014 में मध्य प्रदेश की तरफ से सर्वोच्च खेल सम्मान ‘विक्रम अवार्ड’ दिया गया था। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी उनसे मुलाकात करते हुए उनकी जमकर तारीफ भी की थी। इसके बाद 3 दिसंबर 2019 को उपराष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी का राष्ट्रीय अवॉर्ड भी इनके नाम दर्ज है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्येंद्र को प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक सम्मान 2020 से नवाजा। इतना ही नहीं, सत्येंद्र को पीएम नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके है।

युवा खिलाड़ियों के बने आदर्श
70% दिव्यांग की कैटेगरी में आने वाले सतेन्द्र ने अपनी कमजोरी को ही ताकत बनाकर दुनिया को ये संदेश दिया कि कमजोरी सोच में होती है, शरीर में नहीं। अंतरराष्ट्रीय पैरा स्वीमर सतेन्द्र सिंह लोहिया उन दिव्यांग युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपनी शारीरिक कमजोरी से हार मान कर घर बैठ जाते है।

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