Sunday, February 23, 2025
Homeओपीनियनपतंजलि वर्सेस कोलगेट की तरह हो रही है भारतीय राजनीति

पतंजलि वर्सेस कोलगेट की तरह हो रही है भारतीय राजनीति

toothpaste

पतंजलि का एक टूथपेस्ट है ‘दंत कांति’, जिसका विज्ञापन बड़े जोर-शोर से किया जा रहा है. बाबा रामदेव इसमें आयुर्वेदिक शक्ति का प्रमुख रुप से प्रचार कर रहे हैं और विदेशी केमिकल वाले टूथपेस्ट से खबरदार रहने की सलाह दे रहे हैं. अब आप थोड़ी देर के लिए इसे भारतीय जनता पार्टी मान ले.

दूसरी ओर कोलगेट अपने एक नये प्रकार का टूथपेस्ट लेकर आया है. जिसका नाम दिया है ‘वेद शक्ति’ और इसे पतंजलि टूथपेस्ट के विरुद्ध उतारकर प्रचार किया जा रहा है. आप इसे विपक्षी पार्टी के रूप में देख सकते हैं. कांग्रेस पार्टी भी मान लेंगे तो गलत नहीं होगा.

भारत की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को समझाने और पक्ष-विपक्ष की पार्टियों की राजनीति को समझाने के लिए यहां दंत कांति और वेद शक्ति का जिक्र किया गया है. यदि आप इनके बारे में जान जाएंगे तो आपको भारतीय राजनीति के परिदृश्य की समझ बेहतर हो सकती है.

इन दोनों प्रोडक्ट में एक खास बात कॉमन है. वह यह की दोनों प्रोडक्ट अपने आप को स्‍वदेशी के नाम पर हिंदुत्व के रूप में दिखाना चाहते हैं. पतंजलि यह बताना चाहती हैं कि उनका प्रोडक्ट शुद्ध रुप से भारतीय है. जिसे मैं खुले शब्दों में कहूं तो हिंदुत्ववादी. वह इसकी आड़ लेकर आयुर्वेद का प्रचार करते हैं कि आयुर्वेद सारे विज्ञान का जड़ है. दरअसल, इनका मकसद आयुर्वेद का प्रचार करना या हिंदुत्व का प्रचार करना नहीं है. इनका मकसद हिंदुत्व की आड़ में अपने प्रोडक्ट को बेचकर बड़ा मुनाफा कमाना है.

कोलगेट थोड़ा पीछे ही सही वह भी सॉफ्ट हिंदुत्व को लपकने की कोशिश में है. हांलाकि वह टूथपेस्‍ट निर्माताओं में सबसे पुराने और बड़े ग्राहकों वाली कम्‍पनी रही है. दरअसल, वह अपने नए प्रोडक्ट के माध्यम से पतंजलि द्वारा लगाए जा रहे विदेशी के आरोप को झूठलाना चाहती है. इसी कड़ी में उन्होंने अपने नए टूथपेस्ट का नाम रखा है ‘वेद शक्ति’. कोलगेट को यह भ्रम है कि ऐसे ग्राहक जो कट्टर हिंदुत्ववादी विचारधारा के हैं. वह उनके प्रोडक्ट को हाथों-हाथ लेंगे जिससे कॉलगेट मार्केट में अपने नए उत्‍पाद को बनाये रखने में कामयाब हो पाएगा.

हिंदुत्व को लुभाने के लिए पहले से ही पतंजलि अपने कई प्रोडक्ट निकाल रही है. कोलगेट अपने ‘वेद शक्ति’ टूथपेस्‍ट के माध्यम से उन्हें नहीं लुभा सकता. बावजूद इसके कोलगेट ऐसे प्रोडक्ट निकाल रहा है तो इसके दो कारण हो सकते हैं, पहला कोलगेट अपने विदेशी होने की छवि को सुधारना चाहता है, दूसरा वह आयुर्वेद के नाम पर अपने प्रोडक्ट को जिंदा रखना चाहता है जबकि कोलगेट को नए वैज्ञानिक तथ्यों के साथ मार्केट में उतरना चाहिए था और यह बताना चाहिए था कि उनका ‘वेद शक्ति’,’दंत कांति’ से ज्यादा उपयोगी है. ऐसा करने से उसकी पहुंच ज्यादा ग्राहकों तक होती और वह पतंजलि के ग्राहकों को भी अपनी ओर खींच सकता था.

लेकिन कोलगेट के इस विज्ञापन को देखने के बाद उस पर बड़ी दया आती है. कोलगेट यहां एक मासूम की तरह दिखता है और ऐसा लगता है कि उसके पास कोई और चारा नहीं है. पतंजली का मकसद ‘दंत कांति‍’ के माध्यम से कोलगेट के ग्राहक को अपनी ओर खींचना है जबकि कोलगेट बचाव की मुद्रा में है. मान लीजिए ग्राहक के लिये ये दो ही विकल्प हो तो मजबूरी में कहें या स्वाभाविक तौर पर लोग पतंजलि के टूथपेस्ट की ओर ही आकर्षित होंगे और हो रहे हैं.

दरअसल, आज भारतीय राजनीति की यही स्थिति है. एक भारतीय जनता पार्टी है जो उग्र हिंदुत्व को बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी है जो कि साफ्ट हिंदुत्व को आगे बढ़ा रही है. ऐसी स्थिति में आम भारतीय वोटरों के पास चुनने के लिए दो ही ऑप्शन है. निश्चित रूप से हिंदूवाद को पसंद करने वाले लोग भाजपा को ही पसंद करेंगे. यानि कांग्रेस पार्टी का सॉफ्ट हिंदुत्व के आधार पर सफाया होना निश्चित है. अथवा लोग नए विकल्प की तलाश करेंगे.

जबकि होना यह था कि कांग्रेस एक प्रगतिशील और गैर सांप्रदायिक वैज्ञानिक विचारधारा वाली पार्टी के रुप में सामने आती, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यही कारण है कि ऐसी स्थिति में साम्यवादी और अम्बेडकरवादी पार्टियां अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं. यदि यह दोनों विचारधाराएं भी सांप्रदायिकता के राह पर चलेंगी तो उनका भी यही हश्र होना निश्चित है.

इन नई विचारधाराओं के सामने चुनौती इस बात की होगी कि वह किस प्रकार प्रगतिशील वैज्ञानिक गैर सांप्रदायिक विचारधारा को लेकर आगे बढ़ सके. भारत की आम जनता को दो वक्त की रोटी, रहने को घर और शांत वातावरण चाहिये. चाहे वह किसी भी धर्म व संप्रदाय को मानने वाला हो. लेकिन भारत की जनता की मजबूरी यह है कि उसके पास दूसरा मजबूत विकल्प नहीं है.

यह लेख सचिन कुमार खुदशाह का है

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content