नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही दे सकती है देशवासियों को राहत, पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली नें पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के संकेत दिये लेकिन साथ ही साथ ये भी कहा की जीएसटी काउंसिल के फैसले के बाद ही इस पर जीएसटी ली जा सकती है.
उन्होंने कहा, ‘ हम भी पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी की व्यवस्था के तहत लाने के पक्ष में हैं और इस मामले में राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं इस पर राज्यों की सहमति होगी.’ पूर्व वित्त मंत्री ने राज्य सभा में प्रश्न पूछते हुए कहा की सरकार का क्या इरादा है , इस वक़्त भाजपा की सरकार 19 राज्यों में हैं तो फिर कौन सी समस्याएँ आ रही हैं. जेटली ने कहा की पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स जीएसटी कानून का ही हिस्सा हैं मगर इसका फैसला काउंसिल की 75 फीसदी की सहमति के बाद ही लिया जाएगा और हमे इससे लागु करने के लिए किसी कानून में फेर बदल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि 115वें संवैधानिक संशोधन में पहले से ही इसकी अनुमति है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी आने के बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल दरें कम न होने के सवाल पर वित्त मंत्री जेटली ने कहा की राज्यों में अलग अलग टैक्स दरें हैं. उदाहरण के लिए, डीजल पर मुंबई में वैट 28.51 फीसदी है और दिल्ली में यह 16.75 फीसदी है. विपक्षी पार्टियां लगातार कोशिश कर रही हैं के पेट्रोलियम पदार्थों को GST में शामिल किया जाये. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी इस बात के संकेत दिए हैं.
गन्धर्व गुलाटी
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