राज्यसभा में शोर मचा था. चार बार उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री रही और राज्यसभा की सदस्य गुस्से में थीं. वह इसलिए गुस्से में थीं, क्योंकि उनको अपने उस समाज की बात कहने से रोका जा रहा था, जिससे वह ताल्लुक रखती थीं. सवाल है कि कोई संसद में क्यों आता है? संसद के एक सदस्य की क्या जिम्मेदारी होती है?
अगर आप बतौर संसद सदस्य ईमानदार हैं तो जाहिर है कि आपकी जिम्मेदारी देश और समाज के मुद्दे को सदन के सामने और सदन के जरिए देश के सामने रखना चाहिए. उस दिन भी यही हो रहा था. एक ईमानदार संसद सदस्य समाज के एक बड़े मुद्दे पर बोल रहा था. उसकी आवाज को अनसुना करने की कोशिश की गई तो वह जोर से बोलने लगा. तब विरोधियों के शोर के बीच उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई. आवाज बुलंद थी, दबाए नहीं दबी तो उस आवाज को बंद करने का नया तरीका ढूंढ़ा गया.
सामने शीर्ष पर बैठा शख्स मुस्कराने लगा. वह उपहास उड़ाने जैसा था. वह उस सांसद पर नहीं हंस रहा था. वह शायद उस मुद्दे पर मुस्कुरा रहा था, जिस पर सांसद बोल रही थीं. उस संसद सदस्य से वह मुस्कान बर्दाश्त नहीं हुई. वह मुस्कान उसे चिढ़ा रही थी. उसने संसद की सदस्यता ही छोड़ देने की बात कही. फिर भी वह मुस्कान कायम रही. शायद वह हैदराबाद विश्वविद्यालय की घटना पर मुस्करा रहा था. वह ऊना की घटना पर मुस्कुरा रहा था. वह डेल्टा मेघवाल पर मुस्कुरा रहा था. वह सहारनपुर पर मुस्कुरा रहा था. मनुवाद की उस मुस्कान का मतलब समझिए.

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।