नई दिल्ली। केंद्र सरकार इस वर्ष 6 से 28 अक्टूबर तक भारत में पहली बार होने वाले अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप का राजनीतिक फायदा उठाने की पूरी तैयारी कर रही है. फुटबॉल की वैश्विक संस्था फीफा के इसका खर्च उठाने से इनकार करने के बावजूद केंद्रीय खेल मंत्रलय टूर्नामेंट की शुरुआत के एक दिन पहले ही खुद दस करोड़ रुपये खर्च करके उद्घाटन समारोह आयोजित करने को तैयार है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
खेल मंत्रलय के एक अधिकारी ने कहा कि पांच अक्टूबर को राजधानी के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में यह समारोह आयोजित होगा. 90 मिनट के कार्यक्रम में 15 मिनट प्रधानमंत्री के भाषण के लिए रखे गए हैं. दिल्ली में होने वाले मैच जवाहर लाल नेहरू (जेएलएन) स्टेडियम में होने हैं, लेकिन उद्घाटन ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित करने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि फीफा के हिसाब से टूर्नामेंट में उद्घाटन समारोह की कोई जगह नहीं है, लेकिन हम यह करना चाहते थे.
सूत्रों के मुताबिक फीफा ने विश्व कप की आयोजन समिति को साफ कह दिया है कि इसके लिए उसके द्वारा इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए दिए जा रहे करीब 70-80 करोड़ रुपये से एक भी पैसा नहीं खर्च किया जाए. यही नहीं, वह इसमें होने वाले मार्च पास्ट के लिए भाग लेने वाली टीमों के खिलाड़ियों को भी नहीं भेजेगा और जेएलएन स्टेडियम भी नहीं देगा.
इसके बाद आयोजन समिति ने इस कार्यक्रम को हॉकी के लिए प्रयोग में आने वाले ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित कराने का निर्णय लिया. उद्घाटन समारोह पर फिजूलखर्ची के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि यह देश के गौरव की बात है कि यहां पर पहली बार अंडर-17 फीफा विश्व कप हो रहा है. हम अपनी संस्कृति दुनिया को दिखाना चाहते हैं. कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है. इसके अलावा उद्घाटन में समारोह दुनिया के कुछ बड़े फुटबॉल खिलाड़ियों को भी बुलाने की योजना है.
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