नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री गुरुवार को तमिलनाडु पहुंचे. यहां से पीएम रामेश्वरम जाएंगे जहां वो डॉ. कलाम के समाधि स्थल पर बने मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा पीएम यहां अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे.
पीएमओ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए और बनाए गए मेमोरियल पर तिरंगा फहराने के अलावा डॉ. कलाम की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी, कलाम संदेश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह एक प्रदर्शनी की बस है जो देश के अलग-अलग राज्यों में यात्रा करते हुए 15 अक्टूबर को डॉ. कलाम की जयंती पर दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन पहुंचेगी.
डॉ. कलाम को समर्पित यह मेमोरियल उसी जगह पर बनाया गया है जहां डॉ. कलाम को दफन किया गया था. सिर्फ 9 महीने में तैयार हुए इस मेमोरियल को बनाने में 20 करोड़ रुपए का खर्च आया है और इसे राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट की तर्ज पर बनाया गया है.
मेमोरियल को बनाने के लिए चेटीनाड लकड़ी का उपयोग हुआ है. गेट पर कलाम की 7 फीट ऊंची प्रतिमा लगी है साथ ही चारों कोनों में मेमोरियल हॉल बनाए गए हैं जिनमें कलाम के राष्ट्रपति रहने के दौरान उनका भाषण, वैज्ञानिक के रूप में उनके काम के अलावा शिलॉन्ग में उनके आखिरी भाषण को दर्शाया गया है.
डा. एपीजे कलाम के बारे में जानिए कुछ रोचक बातेंः-
- उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम था. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था.
- वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में देश में जाने जाते थे.
- बच्चों से बेहद प्यार करने वाले ए पी जे अब्दुल कलाम ने बहुत सारी किताबें भी लिखी थीं.
- भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे.
- स्वभाव से बेहद ही हंसमुख और कविताओं के शौकीन 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ में आये थे.
- डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ.
- 1980 में इन्होंने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था जिसके बाद ही भारत भी अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।