
नई दिल्ली। राज्यसभा में अब चार नए चेहरे दिखेंगे. भाजपा सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन नामों को फाइनल किया है. इसमें संघ के विचारक राकेश सिन्हा, मशहूर नृत्यांगना सोनल मानसिंह, किसान नेता राम शकल सिंह और प्राचीन धरोहरों को संजोने वाले रघुनाथ महापात्र का नाम शामिल है. इन सभी नामों को राष्ट्रपति की ओर से राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है.
राज्यसभा के लिए चुने गए इन नामों की बात करें तो 53 साल के राकेश सिन्हा संघ के विचारक हैं और मीडिया में संघ का पक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं. सिन्हा ‘इंडिया पालिसी फाउंडेशन के संस्थापक और मानद निदेशक हैं. वे दिल्ली विश्वविद्यालय में मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर और भारतीय सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान के सदस्य हैं. राकेश सिन्हा ने संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार की जीवनी लिखी है जिसे भारत सरकार के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया है. माना जा रहा है कि सिन्हा को इसी का इनाम मिला है.
उत्तर प्रदेश के राम शकल सिंह ने दलित समुदाय के कल्याण एवं बेहतरी के लिए काम किया है. एक किसान नेता के रूप में उन्होंने किसानों, श्रमिकों के कल्याण के लिए काम किया, वे तीन बार सांसद रहे और उत्तर प्रदेश के राबर्ट्सगंज का प्रतिनिधित्व किया था. राम शकल सिंह की उम्र 55 साल है.
एक अन्य नामित सदस्य रघुनाथ महापात्रा का पारंपरिक स्थापत्य और धरोहरों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनके प्रसिद्ध कार्यों में 6 फुट लंबे भगवान सूर्य की संसद के सेंट्रल हाल में स्थित प्रतिमा और पेरिस में बुद्ध मंदिर में लकड़ी से बने बुद्ध हैं. जाने-माने मूर्तिकार महापात्रा पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हैं. रघुनाथ महापात्रा 75 साल के हैं और इनकी मूर्तिकारी का डंका भारत ही नहीं, विदेशों में भी बजता है.
जबकि सोनल मानसिंह प्रख्यात भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्यांगना हैं. मौजूदा सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए नवरत्न चुने तो उसमें इन्हें भी जगह दी गई. सोनल मानसिंह भारत सरकार ने 1992 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था. सोनल मानसिंह मशहूर नृत्यांगना हैं और पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं.
अलग-अलग विधा और क्षेत्र के इन नामों को नामित कर सरकार ने जहां प्रतिभाओं का सम्मान किया है तो वहीं जनता के बीच एक साकारात्मक संदेश देने में भी सफल रही है.