उच्च शिक्षा के जरिये ही युवा प्रतिकुल परिस्थितियों के कुचक्र से बाहर आ सकते हैं। उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण मिले। शिक्षकों और संस्थानों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्यार्थी तनाव मुक्त होकर अध्ययन का आनंद ले सकें।
यह बातें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही है। पिछले दिनों जजों के सामने जेलों में बंद एसटी-एसटी के लोगों के लिए आवाज उठा चुकी भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नेअब देश के विभिन्न टॉप विश्वविद्यालयों से एससी-एसटी के विद्यार्थियों के ड्रॉप आउट का मुद्दा उठाया है। अपने वक्तव्य में ओडिसा के छोटे से गांव से निकल कर शहर जाकर अध्ययन शिक्षा ग्रहण करने के अनुभव को साझा किया।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में, दो वर्षों के आंकड़ों के आधार पर एक विश्लेषण किया गया था। जिसमें यह बात सामने आई है कि इस दौरान लगभग 2500 विद्यार्थियों ने IITs में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
उन विद्यार्थियों में लगभग आधे विद्यार्थी आरक्षित वर्गों से आए थे। आप खुद सुनिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्या कहा-
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में, दो वर्षों के आंकड़ों के आधार पर किए गए एक विश्लेषण से यह ज्ञात हुआ है कि लगभग 2500 विद्यार्थियों ने IITs में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।
उन विद्यार्थियों में लगभग आधे विद्यार्थी आरक्षित वर्गों से आए थे। Drop-outs की समस्या पर बहुत… pic.twitter.com/y0T63oPkuX— President of India (@rashtrapatibhvn) July 10, 2023
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