Monday, February 3, 2025
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कांशीराम की राह पर आर. एस प्रवीण

कांशीराम के एक वोट एक नोट की तरकीब को कौन नहीं जानता। अपने इसी आईडिया से उन्होंने भारतीय राजनीति की काया पलट कर दी थी। कांशीराम की इसी तरकीब को अपनाया है आईपीएस की नौकरी छोड़कर बहुजन समाज पार्टी तेलंगाना की बागडोर संभालने वाले आर. एस. प्रवीण ने। तेलंगाना में चुनाव नजदीक है और आर. एस. प्रवीण ने कुमुरामभीम- आसिफाबाद क्षेत्र के सिरपुर निर्वाचन क्षेत्र से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। चुनाव लड़ने की घोषणा और क्षेत्र के चुनाव के बाद अब आर.एस. प्रवीण लोगों से एक नोट- एक वोट की अपील कर रहे हैं।

 दरअसल तेलंगाना चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सबको जोरदार टक्कर दे रही है। चाहे सत्ता में बैठे हुए के. चंद्रशेखर राव हों, कांग्रेस हो या फिर भाजपा, सभी के लिए बसपा मजबूत चुनौती पेश कर रही है। खास तौर पर जब से बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश में पार्टी की कमान पूर्व आईपीएस अधिकारी आर.एस.प्रवीण को दी है, तब से बसपा तेजी से मजबूत हुई है।

इससे डरे केसीआर ने दलितों के लिए पहले दलित बंधु योजना की घोषणा की, फिर चुनाव से पहले 125 फीट की बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण कर दिया। हालांकि आर.एस प्रवीण इसे महज चुनावी स्टंट मानते हैं और दलितों-बहुजनों के अधिकारों की बात कर रहे हैं। आर.एस. प्रवीण ने बहुजनों के अधिकार की बात करते हुए बहुजन राज्याधिकार यात्रा निकाली। जिसके तहत वह गांव-गांव में घूम रहे हैं और बहुजन समाज को सत्ता हासिल करने के लिए कह रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी अब तक कई बड़ी रैलियां भी कर चुकी है और उसमें जुट रही भीड़ ने सबको चौंका दिया है।

यही वजह है कि मुख्यमंत्री के.सी.आर तमाम योजनाओं के जरिए दलितों को आर्थिक लाभ देने की बात कर रहे हैं। के.सी.आर का कहना है कि दलित इंपावरमेंट स्कीम के तहत प्रदेश के सभी 11,900 परिवारों को दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा की है। जबकि आर.एस. प्रवीण इसे चुनावी स्टंट बता चुके हैं। उनका आरोप है कि केसीआर अपने कुछ दलित कार्यकर्ताओं को इस योजना का लाभ देकर बाकी को बाद में योजना का लाभ देने का लालच दे रहे हैं। लेकिन चुनाव बाद क्या होता है, सबको पता है।

जहां तक तेलंगाना में दलितों की बात है तो सरकारी रिकार्ड के मुताबिक तेलंगाना में दलित समाज के 7 लाख 79 हजार 902 लोग खेती करते हैं। जिनके पास 13 लाख 58 हजार एकड़ खेती की जमीन है। तो वहीं प्रदेश में दलित समाज का तकरीबन 17 प्रतिशत वोट है। बहुजन राज्याधिकार यात्रा के जरिये बसपा तेजी से लोगों के बीच पहुंच रही है। तो वहीं इसमें एससी-एसटी सोशल वेलफेयर स्कूल के सेक्रेटी रहने के दौरान आर. एस. प्रवीण ने जिन लाखों बच्चों की जिंदगी बदली थी, उनका और उनके परिवार का समर्थन भी उन्हें मिल रहा है। कुछ मिलाकर तेलंगाना चुनाव में बहुजन समाज पार्टी अपनी मजबूत उपस्थिति से सबको चौंका सकती है।

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