नई दिल्ली। भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चायें बिहार की राजनीति को लेकर हैं. जिस तरह से नीतीश ने पाला बदला है उसको देखकर उन पर सवाल उठने लाजमी हैं जिस बीजेपी की नीतीश बुराई करते थकते नहीं थे आज उसकी गोदी में बैठने की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं. बता दें की बीजेपी की मदद से कल इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार आज छठी बार पर मुख्यमंत्री बने हैं. महागठबंधन की सरकार से इस्तीफ़े के तुरंत बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और उन्होंने गुरुवार सुबह ही दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.
उनके इस कदम पर लोगो की खूब प्रतिक्रियाऐं आ रहीं हैं. किसी ने राजनीति का मास्टरस्ट्रोक कहा तो किसी ने इसे मौकापरस्ती कहा. यहां तक कि सोशल नेटवर्टिंग वेबसाइट ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी चुटकी ली है.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीधे नीतीश कुमार पर ताना कसते हुए ट्विटर पर लिखा- ना ना करते, प्यार तुम्हीं से कर बैठे, करना था इंकार मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे.
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने बिहार के घटनाक्रम को लेकर ट्वीट किया- एक बार फिर से बिहार में राज्यपाल ने सरकारिया कमीशन और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया है. Single largest party RJD को मौका नहीं दिया गया है. BJP का प्रजातंत्र में विश्वास ना पहले था ना अब है. इस कृत्य के लिए धिक्कार है.
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बेहद उदासीन स्वरों में अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की राजनीति में यही समस्या है. अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर जाते हैं. उन्होंने कहा, “मैं पहले ही जान गया था कि यह (महागठबंधन) ज़्यादा दिन तक नहीं चल पाएगा… हिन्दुस्तान की राजनीति की यही समस्या है कि राजनेता स्वार्थ के लिए कुछ भी कर जाते हैं… जो जनादेश मिला था, वह सांप्रदायिकता के खिलाफ था, लेकिन अब..

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।