दलितों को लेकर राजनीति तेज, राहुल और कांग्रेस का देश भर में उपवास

नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट में संसोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरे दलितों की ताकत और एकजुटता को देखते हुए अब तमाम राजनैतिक दल सहमें हुए हैं. दलितों की जागरूकता को देखते हुए अब राजनैतिक दलों को यकीन हो गया है कि वो अब दलितों को बहला नहीं पाएंगे. इसलिए दलितों और आदिवासियों को जोड़ने के लिए राजनैतिक दल पसीना बहाने लगे हैं. कांग्रेस पार्टी आज नौ अप्रैल को देश भर में उपवास और धरना कर रही है. दिल्ली में राहुल गांधी खुद राजघाट जाकर उपवास में शामिल होने पहुंचे.

राहुल गांधी के साथ दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे. कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी सरकार के खिलाफ और देश में सांप्रदायिक सौहार्द तथा शांति को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य और जिला मुख्यालयों में एकदिवसीय अनशन कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी सीबीएसई पेपर लीक, पीएनबी घोटाले, कावेरी मुद्दे, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जे देने और दलितों के खिलाफ हो रहे हमले जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संसद में चर्चा कराने में केंद्र सरकार की नाकामी के खिलाफ धरना दे रही है.

असल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों को समाज के सभी वर्गों में सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी उपवास रखने के निर्देश दिया था. दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उपवास से भाजपा परेशान है. एक ओर जहां एक के बाद एक दलित सांसद भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं तो दलित समाज के अन्य लोग भी भाजपा के खिलाफ ज्यादा खड़े हैं. बौखलाई भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि यह दलित हितों के लिए उपवास नहीं है, यह दलित हितों का उपहास है.

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