नई दिल्ली। IRCTC ने शुरू की नई सेवा अब बिना पैसे के सेंकेड्स में बुक करें तत्काल टिकट, रेलवे के तत्काल कोटा के तहत टिकट करने वालों के लिए अच्छी खबर यह है कि वे पहले टिकट बुककर उसका भुगतान बाद में कर सकेंगे. अब यात्री रेलवे के तत्काल कोटा का टिकट पहले बुक करके उसका पेमेंट बाद में कर सकेंगे.
यह सेवा केवल सामान्य टिकटों की बुकिंग के लिए उपलब्ध थी, अब तत्काल बुकिंग के लिए भी उपलब्ध होगी. इसकी मदद से दो क्लिक से टिकट बुक कर सकते हैं. इसके तहत आईआरसीटीसी वेबसाइट-एप के उपयोगकर्ता अपने घर पर टिकट की डिलीवरी का विकल्प चुनकर कैश, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान कर सकेंगे.
IRCTC के ‘पे-ऑन डिलीवरी’ पेमेंट प्रोवाइडर एण्डुरिल टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लि. ने मंगलवार को यह ऐलान किया गया है. इतना ही नहीं अब तत्काल टिकट सेकेंडों में बुक होगा.
IRCTC रोजाना 1 लाख 30 हजार टिकटें बुक करने का काम करता है. इनमें से ज्यादातर टिकट तत्काल के लिए बुकिंग शुरू होने के कुछ ही मिनटों में बुक हो जाती हैं. अब तक उपयोगकर्ता टिकट कन्फर्म होने से पहले स्टैंडर्ड ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के जरिए भुगतान करते थे. इस प्रक्रिया में देरी भी हो जाती थी, जिसके चलते कई बार उपयोगकर्ता कन्फर्म टिकट बुक नहीं करवा पाते थे.
‘पे ऑन डिलीवरी’ सेवा से पेमेंट गेटवे के उपयोग की जरूरत नहीं पड़ती और इससे कुछ ही सेकेंड में टिकट बुकिंग हो जाती है. एण्डुरिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग बाजपेयी ने कहा, तत्काल टिकटों के लिए पे ऑन डिलीवरी उन लाखों रेल यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद होगी, जिन्हें तत्काल कोटा के तहत बुकिंग करवाने की जरूरत होती है. यूजर्स पहले से ही जानते हैं कि तत्काल के अंतर्गत टिकट बुक करवाते समय हरेक सेकेंड कीमती है. हमें पूरा भरोसा है कि पहले टिकट बुक कराकर बाद में पेमेंट करने के ऑप्शन को उपयोगकर्ता बड़ी संख्या में अपनाएंगे.
- ऐसे मिलेगा ‘पे ऑन डिलीवरी’ का लाभ सबसे पहले यूज़र को payondelivery.co.in पर पंजीकरण कराकर आधार कार्ड या पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है.
- इसके बाद आईआरसीटीसी पोर्टल पर बुकिंग के दौरान, यूज़र को Anduril Technologies के ‘pay-on-delivery’ का विकल्प चुनना होगा.
- टिकट बुक होने के साथ ही टिकट को एसएमएस/ईमेल के माध्यम से डिलीवर कर दिया जाएगा और बुकिंग के 24 घंटे के अंदर भुगतान करना होता है। चाहे तो आप ऑनलाइन भी भुगतान भी कर सकते हैं.

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