राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अजीबोगरीब फैसले पर भारी विवाद खड़ा हो गया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर डॉक्टरों की जाति बताने के लिए कहा है.
यह आदेश जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया है. आदेश में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों से ये बताने के लिए कहा गया है कि कौन सा डॉक्टर किस जाति का है. साथ ही डॉक्टरों की तैनाती कहां और कितने दिनों से है, ये भी पूछा जा रहा है. जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से डॉक्टरों की जाति संबंधी स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय भेजने का आदेश दिया गया है.
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. वी.के. माथुर ने सर्कुलर जारी करने भी हैरान करने वाली वजह बताई. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए ऐसा किया गया है. उन्होने बताया कि जाति के आधार पर डॉक्टर की सूचना होने से बेहतर काम होगा और हमें काम में आसानी होगी..
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को बीजेपी की मानसिकता से जोड़कर बताया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने जो अपनी कार्यकारिणी घोषित की है, उसमें भी जाति का हवाला दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी डॉक्टरों में भी समाज को बांटने का काम कर रही है. यह आदेश स्वास्थ्य विभाग से जनसंपर्क अधिकारी तक गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपडेट हुआ है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।