राजस्थान के बाड़मेर जिले में राजपुरोहित समुदाय द्वारा 70 दलित परिवारों को गांव से बहिष्कृत करने का मामला सामने आया है. यह घटना बाड़मेर के कालुदी गांव की है, जो कि बाड़मेर के जिला प्रमुख का भी घर है.
दरअसल गांव के रहने वाले दिनेश उर्फ दाना राम मेघवाल ने बीते 16 अगस्त को बलतोरा पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज करायी थी. अपनी शिकायत में दिनेश ने गांव के राजपुरोहित समुदाय द्वारा गांव के 70 दलित परिवारों का बहिष्कार करने की बात कही गई है.
एफआईआर के अनुसार, राजपुरोहित समुदाय के कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर दलितों के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखी थीं. जिसके बाद नजदीक के ही बैती गांव के निवासी रावतराम ने राजपुरोहित समुदाय के इन युवकों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया था. इस बात से नाराज होकर राजपुरोहित समुदाय ने इस संबंध में एक बैठक बुलायी और इस बैठक में गांव के 70 दलित परिवारों को गांव से बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया.
पुलिस ने राजपुरोहित समुदाय के 17 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 143, 341, 3(1) और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. बाड़मेर के एसपी मनीष अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. फिलहाल गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है. लेकिन गांव से बहिष्कार के बाद दलित परिवारों को सार्वजनिक कुओं का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा है. साथ ही दलित परिवारों के दुकानों से सामान लेने और अपने बच्चों को स्कूल भेजने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. है.
समाज के भीतर आये दिन होने वाली ऐसी घटनायें बड़ा सवाल खड़ा करती हैं.
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