शिमला। शिमला के कोटखाई तहसील में 15 साल की छात्रा के बलात्कार के बाद हत्या करने का मामला सामने आया है. छात्रा कोटखाई के महासू स्कूल में 10वी कक्षा में पढ़ती थी. आरोपियों ने छात्रा का अपहरण करने के बाद लगभग 36 घंटे कब्जे में रखा और उसके साथ बलात्कार किया.
घटनास्थल पर शराब की खाली बोतले भी मिली हैं. उनसे भी फिंगर प्रिंटस लिए गए हैं. हैवानियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपियों ने उसके हाथ और पैर भी तोड़ दिए. सूत्रों से पता चला है कि पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ है कि पहले छात्रा से रेप हुआ है फिर उसका गला घोंटा गया है.
15 वर्षीय छात्रा शिलगिरी लौटते समय अचानक 4 जुलाई की शाम को गायब हो गई. 5 जुलाई की शाम को जब मृतका का छोटा भाई स्कूल से घर पंहुचा तो उसने मां-बाप को बताया कि दीदी 4 जुलाई को घर आई थी लेकिन अभी तक घर नहीं लौटी. बेटे का जबाव सुनकर मां-बाप के होश उड़ गए और खौज खबर में जुट गए. घर न पंहुचने पर 6 जुलाई को माता-पिता और परिजनों ने खोज खबर लेनी शुरू की. 6 जुलाई की सुबह 9 बजे छात्रा की लाश नग्न अवस्था में स्कूल से 4 किलोमीटर दूर घने जंगल में मिली.
परिजनों ने बेटी की खोज के लिए रिश्तेदारों के साथ जंगलों में भी तलाश की थी. उन्होंने सोचा कि कहीं उनकी बेटी जंगली जानवरों का शिकार तो नहीं बन गई. लेकिन जब वास्तविकता सामने आई तो सबके होश उड़ गए. स्कूल से महज 4 किलोमीटर दूर जंगल में नाबालिग की लाश को गड्ढे में फेंका गया था.
शिमला पुलिस के मुताबिक, छात्रा से पहले रेप और फिर हत्या की गई. शक है कि बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है. एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी महासू में डेरा डाले बैठे हैं लेकिन पांच दिन से ज्यादा के बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा और पुलिस खाक छान रही है. एक बात तो तय है कि गुनाहगार शातिर हैं. उन्होंने कोई भी सुराग नहीं छोड़ा है. शिमला के एसपी डी डब्लयू नेगी ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों को सलाखों के पीछे खड़ा करेगी.
गुनाहगारों को गिरफ्तार करने में हो रही देरी से स्थानीय लोंगो में भारी आक्रोश है. लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं. स्थानीय जनता में अपने बच्चों को लेकर असुरक्षा की भावना पनप रही है. लोग बच्चों को घर से बाहर भेजने से भी डर रहे है. सरोज कंवर, महासू पंचायत प्रधान ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्हें मौत से कम सजा न हो. शिमला से लेकर कोटखाई तक लोगों में उबाल है. सोशल मीडिया पर भी प्रदेश से लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. सोमवार (10 जुलाई) को कोटखाई में बंद का ऐलान किया गया है.
घर से सात किलोमीटर दूर है स्कूल
नाबालिग को भी घर से करीब 7 किलोमीटर घने जंगलों से होकर स्कूल जाना पड़ता था और डेढ़ घंटे का सफर कर स्कूल पहुंचते थे. प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भी ऐसी घटना ने सवाली निशान खड़े कर दिए है. शिक्षा विभाग से लेकर शासन-प्रशासन भी सवालों के घेरे में है.
एसपी शिमला और ठियोग के डीएसपी टीम के साथ मौके पर छानबीन में जुटे हुए हैं. मामले की तह तक जाने के लिए कुछ फोन सर्विलांस पर लगाए गए हैं. जुन्गा लैब के विशेषज्ञों से मदद ली जा रही है. बिसरा भी लैब भेजा गया है. घटनास्थल से बरामद शराब की खाली बोतलों से फिंगर प्रिंट लिए गए हैं. अभी तक करीब 15 लोगों से पुलिस पूछताछ की जा चुकी है.

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