उत्तर प्रदेश। यूपी की योगी सरकार ने भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर रावण पर रासुका को फिर से बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह उपसचिव द्वारा 23 जनवरी को इस बारे में आदेश जारी किया गया। इसके बाद अब चंद्रशेखर को रासुका यानि की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत तीन महीने और जेल में काटना पड़ेगा। सहारनपुर की घटना के बाद गिरफ्तार किए गए रावण 2नवंबर, 2017 से रासुका के तहत जेल में हैं।
रावण पर रासुका की अवधि बढ़ने को लेकर तमाम दलित संगठनों ने विरोध किया है। भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मंजीत सिंह नौटियाल ने घोषणा की है कि यदि 17 फरवरी तक चंद्रशेखर रावण पर से सभी 27 मुकदमों को वापस लेकर उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा तो 18 फऱवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। वहीं चंद्रशेखर रावण से मिलने पहुंचे भीम आर्मी डिफेंस कमेटी के संयोजक प्रदीप नरवाल ने कहा कि- ‘मैं चंद्रशेखर से मिला. उन्होंने मुझसे कहा है कि उनकी जान खतरे में हैं और भाजपा सरकार उनको जेल में मरवाना चाहती है. उन्होंने कहा है कि उनकी फिक्र किए बिना भीम आर्मी को पूरे देश में मजबूत किया जाए.’ वहीं रिटायर्ड आई.पी.एस अधिकारी और जनमंच के संयोजक एस.आर. दारापुरी ने चंद्रशेखर रावण पर रासुका की अवधि बढ़ाए जाने को दलित दमन का प्रतीक कहा है.
दो नवंबर, 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंद्रशेखर उर्फ रावण को जमानत दे दी थी. लेकिन उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने रासुका लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के तहत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है. फिर आवश्यकतानुसार तीन-तीन महीने के लिए गिरफ्तारी की अवधि बढ़ाई जा सकती है. एक बार में तीन महीने से अधिक की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती है. चंद्रशेखर रावण की भी रासुका तीन महीने बढ़ा दी गई है और यूपी सरकार चंद्रशेखर रावण के साथ जिस तरह का बर्ताव कर रही है, माना जा रहा है कि उनकी रासुका को बाद में भी बढ़ा दिया जाएगा.

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