नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने एससी/एसटी विधेयक में संशोधन का स्वागत किया है. हालांकि इस दौरान उन्होंने एक नया मुद्दा उठाकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी को मुश्किल में डाल दिया है. बसपा प्रमुख ने मोदी सरकार से गरीब मुसलमानों के लिए आरक्षण मांगा है. उन्होंने आर्थिक आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि गरीब मुसलमानों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि “यदि केंद्र सरकार उच्च जाति के गरीब लोगों को संविधान में संशोधन के जरिए आरक्षण देने के लिए कोई कदम उठाती है तो बीएसपी इसका सबसे पहले समर्थन करेगी. मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों में भी काफी गरीबी है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार उच्च जाति के लिए कोई कदम उठाती है तो मुस्लिमों व दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए.”
इससे पहले एससी/एसटी एक्ट के पारित होने का श्रेय बसपा प्रमुख ने 2 अप्रैल को दलित समाज द्वारा किए गए भारत बंद को दिया. उन्होंने कहा कि दलितों ने जो भारत बंद बुलाया था, जिसमें बीएसपी कार्यकर्ताओं के साथ देश की जनता ने भाग लिया था, यह उसका असर है कि केंद्र को संशोधन बिल लाने के लिए मजबूर होना पड़ा. बसपा प्रमुख ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इसका श्रेय दिया. इस दौरान केंद्र सरकार में शामिल दलित नेताओं को कठघरे में खड़ा करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि जब 2 अप्रैल को आंदोलन किया गया था तो केंद्र सरकार के सभी दलित व आदिवासी मंत्री चुप्पी साधे हुए थे.
मायावती की मांग ने राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है. भाजपा जहां एससी/एसटी संशोधन बिल के जरिए दलित और पिछड़ा वर्ग आयोग के जरिए ओबीसी समाज को साधने की कोशिश कर रही थी, मायावती ने सवर्ण समाज के गरीबों और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की मांग उठाकर भाजपा और केंद्र के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है.
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