नई दिल्ली। रोहित वेमुला की आत्महत्या के दो साल बाद आखिरकार उनकी मां राधिका वेमुला ने हैदराबाद विश्वविद्यालय द्वारा दी गई 8 लाख की रकम को स्वीकार कर लिया है. इससे पहले उन्होंने बेटे रोहित वेमुला की मौत के लिए विश्वविद्ययालय को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि कुलपति इन पैसों से उन्हें खरीदना चाहते हैं.
पैसे स्वीकार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले मैंने इसलिए इंकार कर दिया था, क्योंकि मुझे लगा था कि कुलपति मुझे पैसे के बल पर खरीदना चाहते हैं. उस वक्त मुझे मेरे बेटे के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ना ज्यादा जरूरी था. लेकिन बाद में मुझे पता चला कि यह पैसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के आदेश पर दिया जा रहा है, जिसके अध्यक्ष पी.एल पुनिया थे. उन्होंने दोहराया कि वह तब तक आराम से नहीं बैठेंगी जब तक अपूर्वाराव को उनके किए गुनाह के लिए सजा नहीं मिल जाती. रोहित वेमुला की मां ने पी.एल पुनिया का धन्यवाद देते हुए कहा कि वो सच के साथ खड़े हुए जबकि उन पर केंद्र सरकार का बहुत दबाव था. गौरतलब है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में पी.एचडी के छात्र रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी.
करण कुमार

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।