साल 2016 की जनवरी में हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या ने पूरे देश को हिला डाला था। कथित तौर पर दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले रोहित वेमुला ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तमाम आरोप लगाते हुए अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। इस मामले की फाइल को तेलंगाना पुलिस ने आठ साल बाद बंद कर दिया है। तेलंगाना पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट (3 मई, 2024) में कहा है कि रोहित वेमुला अपनी असल जाति को छुपा रहा था और इसके उजागर होने के डर के चलते उसने आत्महत्या की होगी। तेलंगाना पुलिस ने हाई कोर्ट में भी इसकी रिपोर्ट डाल दी है।
इस चर्चित मामले में बिना किसी को दोषी ठहराए बंद किये जाने को लेकर अब तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जब रोहित वेमुला ने आत्महत्या की थी, तब भाजपा सांसद बंडारू दत्तात्रेय पर गंभीर आरोप लगे थे तो लपेटे में तात्कालिन मंत्री स्मृति ईरानी भी आई थीं। अंबेडकरवादी समाज ने इसे सांस्थानिक हत्या कहा था।
तेलंगाना पुलिस का कहना है कि रोहित वेमुला की माँ ने उसे फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा के दिया और रोहित को लगातार यह डर बना रहता था कि यदि उसका भेद खुला तो उसकी डिग्रियाँ खत्म हो जाएंगी। इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रोहित वेमुला वद्देरा जाति से ताल्लुक रखता था जो कि पिछड़ा वर्ग में आती है।
In a shocking development (as per my info), the Congress government of @RahulGandhii’s party @INCIndia in Telangana has filed a closure report in the #RohitVemula murder case. They have also filed a statement before the High Court stating that there is a lack of evidence in the… pic.twitter.com/dNytO76mGQ
— Nitin Meshram (@nitinmeshram_) May 3, 2024
हालांकि हैदराबाद विश्वविद्यालय से जिस तरह की तस्वीरें सामने आई थी, उसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खिंचा था। तमाम रस्सा-कस्सी और विरोध के बाद रोहित वेमुला ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अपना 25000 रुपये का मानदेय रोकने का भी आरोप लगाया था। तब रोहित वेमुला का आत्महत्या के पहले लिखा गया पत्र खूब वायरल हुआ था और रोहित वेमुला विश्वविद्यालय कैंपस के भीतर होने वाले आत्याचार के विरोध के नायक बन गए थे। रोहित की आत्महत्या का तब कांग्रेस पार्टी ने भी खूब विरोध किया था और तमाम आरोप लगाए गए थे।
अब कांग्रेस शासन में ही रोहित वेमुला को लेकर पुलिस की रिपोर्ट सामने आने के बाद तमाम सवाल उठने लगे हैं। तमाम दलित संगठनों के बीच तेलंगाना पुलिस की रिपोर्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। सालों बाद आई इस रिपोर्ट पर दलित संगठन, एक्टिविस्ट और बुद्धिजीवि सवाल उठा रहे हैं।
सिद्धार्थ गौतम दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं। पत्रकारिता और लेखन में रुचि रखने वाले सिद्धार्थ स्वतंत्र लेखन करते हैं। दिल्ली में विश्वविद्यायल स्तर के कई लेखन प्रतियोगिताओं के विजेता रहे हैं।