नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने तमाम ग्राहकों को बड़ा झटका दे दिया है. बैंक ने अपने खाते में पैसा जमा करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इसका असर पूरे देश में बैंक के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा.
यह किया बदलाव
बैंक ने जो नया नियम बनाया है, उसके अनुसार एक कोई दूसरा व्यक्ति आपके खाते में पैसा नहीं जमा करा पाएगा. यह नियम केवल बैंक में जाकर के पैसा जमा करने पर होगा. हालांकि ऑनलाइन ट्रांसफर करने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है.
बाप भी नहीं कर पाएगा बेटे के खाते में पैसा जमा
इसका असर ऐसे समझिए. अगर आप पिता है और दूरदराज के गांव में रहते हैं और आपका बेटा शहर में रहकर पढ़ाई कर रहा है तो उसके खाते में किसी भी हाल में पैसा जमा नहीं कर सकेंगे. अगर आपको ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में समझ नहीं है, तो फिर काफी मुश्किल हो जाएगी.
लेना होगा अनुमति लेटर
इस नियम के तहत ग्राहकों को दूसरे के खाते में पैसा जमा करने के लिए अनुमति लेटर लेना होगा. इस लेटर पर व्यक्ति ए और व्यक्ति बी दोनों के हस्ताक्षर होंगे. इसके अलावा बैंक काउंटर पर नकदी के साथ दी जाने वाली जमा फॉर्म पर बैंक खाता धारक का हस्ताक्षर होना चाहिए.
एसबीआई ने इस नियम को लागू किया है, उसके पीछे सबसे बड़ी वजह नोटबंदी है. ऐसा इसलिए क्योंकि नोटबंदी के दौरान कई बैंक खातों में बड़ी संख्या में हजार और पांच सौ नोट जमा किए गए थे. जांच के बाद जब लोगों से इतने सारे नोटों के बारे में पूछा जा रहा है तो उनका कहना है कि किसी अनजान शख्स ने उनके बैंक खातों में पैसे जमा करा दिए हैं. लोगों ने बैंक अधिकारियों को जवाब दिया था कि उनका इस पैसे से कोई लेना देना नहीं है.
अन्य बैंक भी लागू कर सकते हैं नियम
एसबीआई ने जिस नियम को लागू किया है, वो अन्य बैंक भी जल्द लागू कर सकते हैं. नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने सभी सरकारी बैंकों से यह नियम लागू करने का अनुरोध किया था. आयकर विभाग ने कहा था कि बैंक ऐसे नियम बनाएं कि कोई दूसरा शख्स किसी के बैंक खाते में नकद रुपये नहीं जमा करा पाए, ताकि कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में जमा पैसे के बारे में अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच न सके.
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