नई दिल्ली। भारत सरकार दलितों के लिए इतनी स्कीम व योजना लेकर आती है, पर कोई इसका लाभ नहीं ले पाता है क्योंकि वह इन योजना से अनभिज्ञ होते हैं. क्या आप जानते है, दलित छात्रों के लिए एक ऐसी स्कोलरशिप भी है जिसके तहत वह विदेशों में शिक्षा ले सकता है, इसके लिए उन्हें एक रूपया तक खर्च करने की जरूरत नहीं है. पर अफसोस इस बात का है कि दलित छात्र इस योजना के बारे में जानते ही नहीं है. इस योजना में 60 छात्रों को लाभ मिलता है लेकिन इस वर्ष अभी तक मात्र तीस छात्र ही चयनित हो पाएं हैं, जानकारी के अभाव में अभी भी सीटें खाली रह गई हैं.
अगले वर्ष से यह स्कीम 100 छात्रों को छात्रवृति देने की है परन्तु यदि इस वर्ष छात्रवृति लेने के लिए एवं विदेशों में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र व छात्राएं उपलब्ध नहीं होते हैं तो भविष्य के लिए पढ़ाई की यह स्कीम बन्द भी की जा सकती है. भारत सरकार का सामाजिक, न्याय मंत्रालय द्वारा दलित छात्रों को स्कोलरशिप दी जाती है. नेशनल ओवरसिज स्कोलरशिप स्कीम दलित छात्रों को विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृति देता है. यह छात्रवृति पोस्ट ग्रेजुएट या पी. एच. डी. करने वाले उन छात्रों को दी जाती है जिनके ग्रेजुएशन में 55 प्रतिशत मार्क्स या उससे अधिक हों. छात्रों का पूरा खर्चा जिनमें आना-जाना, रहना-खाना और फीस मंत्रालय वहन करता है.
राष्ट्रीय शोषित परिषद इस मुद्दे को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में उठा रहा है, जिससे की दलित छात्र व शोधार्थी इस स्कोलरशिप का लाभ ले सकें. इसके अतिरिक्त ये संस्था दलित बच्चों को पायलट (सीपीएल) का कोर्स फ्री में करवाने का काम करवाती है. यह संस्था पिछले 30 वर्षों से दलित छात्रों व समुदाय के हित में काम कर रही हैं.
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