जैसलमेर। दलितों पर हो रहे अत्याचार और भेदभाव के मामले भाजपा नीत की राज्य सरकारों में बढ़ते जा रहे हैं जिसके बाद दलित समुदाय अब एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं. गुजरात के बाद अब राजस्थान में भी दलित जागरूक हो गए हैं. राजस्थान में जैसलमेर के 200 छात्रों ने स्कूल छोड़ने की सामूहिक अर्जी दी है. बताया जा रहा है कि इन छात्रों को बोर्ड पर बाबासाहेब का नाम नहीं लिखने दिया गया. इसी वजह से छात्रों ने स्कूल छोड़ने का फैसला किया है.
सोशल मीडिया पर लोग छात्रों के इस कदम को एक नए आंदोलन की चिंगारी मान रहे हैं. राजस्थान की इस घटना को गुजरात में घटे घटनाक्रमों से जोड़कर देखा जा रहा है. लोग लिख रहे हैं कि अगर दलित छात्रों के इस कदम ने आंदोलन का रूप ले लिया तो क्या आनंदीबेन की तरह ही वसुंधरा राजे को इस मामले की भरपाई करनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि दलित छात्रा डेल्टा मेघवाल रेप केस के बाद देशभर में दलित समुदायों के द्वारा राजस्थान की राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी.
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