नई दिल्ली। हिंदी पत्रकारिता के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार-संपादक राज किशोर ने सोमवार को एम्स में आखिर सांस ली. राज किशोर का जाना हिंदी पत्रकारिता के लिए अपूर्णक्षति है. हिंदी पत्रकारिता में इनका योगदान अव्वल दर्जे का रहा. देश के सभी पत्रकारों ने इनके प्रति श्रध्दांजलि समर्पित की और इससे सबसे बड़ी क्षति बताई है.
लेकिन जिम्मेदार व निर्भय पत्रकार ने भाजपा को हटाने के लिए अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट लिखा है जिसमें वह विपक्ष को विरोध के सिवा अन्य रास्ते भी बता रहे हैं…
“भाजपा की कमान में कई तीर हैं, क्योंकि वह पूरे आधुनिक भारत का विपक्ष है.
उसका मुकाबला करने के लिए सिर्फ उसके मुद्दों का विरोध करना काफी नहीं है. विपक्ष को अपने मुद्दे उभारने होंगे.
कुछ मुद्दे ये हो सकते हैं- आक्रामक समाजवादी नीतियां, प्रत्येक को रोजगार नहीं तो बेकारी भत्ता, साठ से ऊपर हर आदमी को पांच हजार की पेंशन, निजी सेक्टर में आरक्षण, महिला आरक्षण तुरंत लागू करना, पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पौष्टिक भोजन, विदेशी कंपनियों के लिए अपनी जरूरत का अस्सी प्रतिशत सामान भारत में बनाना, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए अधिक से अधिक उत्पाद आरक्षित करना, प्रत्येक उद्योग में एक जैसा सामान बनाने वाली सिर्फ तीन कंपनियों को मंजूरी देना– बाकी कंपनियों को अन्य क्षेत्रों में निवेश करने का निर्देश देना, किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य देना, गांवों और कस्बों में लघु उद्योगों का जाल बिछाना, हर खेत की सिंचाई नहरों की मार्फत सुनिश्चित करना, शहरी संपत्ति की सीमा तय करना, अधिकतम वेतन निर्धारित करना, निजी अस्पतालों का अधिग्रहण, पर्याप्त संख्या में जज और मजिस्ट्रेट नियुक्त कर अधिकतम एक वर्ष में केसों का निपटारा करना, सभी सरकारी रिक्तियों को भरना, रेल समय पर चलाना, बारह वर्ष से अधिक के बच्चों को आधा दिन पढ़ाना आधा दिन काम कराना, पीएचडी तक पढ़ाई और किताबें मुफ्त पर बारह वर्ष से ऊपर के हर विद्यार्थी को रोज चार घंटे काम करना होगा, हर मरीज का मुफ्त इलाज, रिटायर लोगों के लिए पार्ट टाइम रोजगार की व्यवस्था करना, जेलों की स्थिति में सुधार लाना, मंहगे होटल बंद, सेना और पुलिस में गुलामी वाली ड्यूटियां खत्म, अंतरजातीय विवाह करने पर दोनों को सरकारी नौकरी, तीन वर्ष के लिए मंत्रियों और अफसरों की विदेश यात्रा पर रोक, जिला कलक्टर पद को समाप्त करना,रेलों में सिर्फ दो दरजे रखना – एसी और नान-एसी, जीएसटी की सिर्फ एक दर रखना- 10% आदि.
भाजपा की हालत उलट गए, पीठ के बल फड़फड़ाते तिलचट्टे जैसी न हो जाए, तो कहना.
(मित्रों से निवेदन है कि वे भी अपनी ओर से नए नए प्रगतिशील कार्यक्रम जोड़ते चलें. इस तरह एक राष्ट्रीय मांगपत्र तैयार हो जाएगा.)”
साभारः इस पोस्ट को राज किशोर जी के फेसबुक वॉल पर 11 मई को शेयर किया था.
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