पंजाब के शिरोमणी अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच राजनीतिक गठबंधन होने की संभावना जताई जा रही है। शिरोमणी अकाली दल और कांग्रेस के बीच चल रही खटपट के बीच शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने बहुजन समाज पार्टी से संपर्क किया है। दोनों दलों ने फिलहाल गठबंधन को लेकर साकारात्मक रुख दिखाया है, हालांकि आखिरी फैसला बसपा प्रमुख का होगा। बीते कुछ सालों में यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पंजाब की राजनीति में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिल सकता है। ऐसी स्थिति में बहुदलीय गठबंधन चुनावी विजय के लिए आवश्यक होता जा रहा है। खबर है कि हाल ही में दोनों दलों के उच्च स्तरीय नेताओं के बीच रणनीतिक चर्चा हुई है और इस विषय में अंतिम निर्णय सुश्री मायावती द्वारा लिया जाएगा।
गौरतलब है कि सन 1989 में बीएसपी ने जब सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन किया था तब पंजाब में बीएसपी का पहला सांसद चुना गया था। यह बहुजन समाज पार्टी के लिए पहली सफलता थी। इसके बाद सन् 1996 में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाले अकाली दल के साथ गठबंधन द्वारा बीएसपी के तीन सांसद चुने गए थे। पंजाब में शिरोमणि अकाली दल एवं बहुजन समाज पार्टी दोनों की अपने-अपने इलाकों में अपनी खास ताकत है। शिरोमणि अकाली दल ने पिछले कुछ दशकों में पंजाब के दलितों में भी पैठ बनाई है। शिरोमणि अकाली दल के दोआबा क्षेत्र के चार विधायकों में से तीन विधायक आरक्षित क्षेत्र से आते हैं।

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