बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने मुख्यमंत्री योगी और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला है। कानपुर में हुई घटना से आहत बहनजी ने न सिर्फ इस मामले पर दुख जताया, बल्कि पीड़ित परिवार के लिए इंसाफ की भी मांग की है। दरअसल कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जल कर हुई मौत का मामला योगी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है। योगी प्रशासन की इस ज्यादती के खिलाफ देश भर में रोष है और हर कोई इसके लिए योगी सरकार की जमकर आलोचना कर रहा है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने इस मामले में ट्विट किया है। अपने ट्विट में उन्होंने कहा कि-
“देश व खासकर उत्तर प्रदेश जैसे गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि से त्रस्त विशाल राज्य में भाजपा सरकार की लोगों को अति-लाचार एवं आतंकित करने वाली बुल्डोजर राजनीति से अब निर्दोष गरीबों की जान भी जाने लगी हैं, जो अति-दुखद व निन्दनीय है। सरकार अपना जनविरोधी रवैया बदले।”
बसपा प्रमुख ने कहा है कि-
“कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाने के नाम पर हुई ज्यादती व आगजनी की घटना के दौरान झोपड़ी में रहने वाली माँ-बेटी की मौत तथा 24 घण्टे बाद उनके शव उठने की घटना यूपी सरकार के विज्ञापित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ज्यादा चर्चाओं में है, ऐसे मंघ यूपी का जनहितकारी भला कैसे संभव?”
सवर्ण समाज के जो लोग भाजपा की सरकार को अपनी सरकार मानते हैं, इस घटना ने साफ कर दिया है कि सरकार किसी की नहीं होती, खासकर गरीब और वंचितों की तो बिल्कुल नहीं। घटना में पीड़ित परिवार का संबंध ब्राह्मण परिवार से बताया जा रहा है। इस घटना में मां-बेटी की अतिक्रमण हटाने के दौरान आग में जलकर मौत की घटना परेशान करने वाली है। परिवार के मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित की चीत्कार करती हुई सामने आई तस्वीर किसी का भी कलेजा चीरने के लिए काफी है। यह तस्वीर योगी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करती है। साफ है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। ऐसे में जब बहनजी भी खुलकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आ गई हैं, साफ है कि योगी सरकार और उसके प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है।
लेखक स्वतंत्र पत्रकार और बहुजन विचारक हैं। हिन्दी साहित्य में पीएचडी हैं। तात्कालिक मुद्दों पर धारदार और तथ्यपरक लेखनी करते हैं। दास पब्लिकेशन से प्रकाशित महत्वपूर्ण पुस्तक सामाजिक क्रांति की योद्धाः सावित्री बाई फुले के लेखक हैं।