नई दिल्ली। जब अन्य दल 2019 चुनावों को लेकर अपनी रणनीति को फाइनल करने में जुटे हैं, गठबंधन की घोषणा से आगे बढ़ते हुए सपा और बसपा ने सीटों को लेकर बातचीत शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चरण में इस गठबंधन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 22 लोकसभा सीटों पर फैसला कर लिया है. इन सीटों पर यह तय हो गया है कि कहां से किस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेगा. खबरों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत दखल रखने वाली बहुजन समाज पार्टी सबसे ज्यादा 11 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि 8 सीटों पर समाजवादी पार्टी और 3 सीटों पर गठबंधन में हाल ही में शामिल हुए राष्ट्रीय लोकदल का उम्मीदवार मैदान में उतरेगा. बाकी बचे 56 सीटों पर जल्द ही फैसला लेने की बात कही जा रही है.
सीटों के बंटवारे के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसमें बहुजन समाज पार्टी नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ-हापुड़, बुलंदशहर, आगरा, फतेहपुर सिकरी, सहारनपुर, अमरोहा, बिजनौर, नगीना और अलीगढ़ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
जबकि समाजवादी पार्टी के हिस्से में हाथरस, कैराना, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, मैनपुरी, फिरोजाबाद और एटा की सीटें आई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत सिंह की मुलाकात के बाद गठबंधन में शामिल हुए राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से में तीन सीटें आई है. रालोद बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा में अपने उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि इस बारे में सपा और बसपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बतातें चले की सपा बसपा में हुए गठबंधन में दोनों दलों ने 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. रायबरेली और अमेठी में गठबंधन ने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है, जबकि बाकी की बची दो सीटें रालोद को दी गई हैं. इसके अलावा सपा अपनी एक और सीट रालोद के लिए छोड़ने पर राजी हो गई है. जबकि रालोद का एक अन्य उम्मीदवार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेगा.
इस बंटवारे के साथ ही बसपा ने अब उम्मीदवारों के नामों को फाइनल करना शुरू कर दिया है. दरअसल बसपा चुनाव से काफी पहले ही लोकसभा प्रभारी घोषित कर देती है, जिसे पार्टी का संभावित उम्मीदवार माना जाता है. 22 सीटों पर फैसले के साथ ही गठबंधन ने चुनावी तैयारियों में अपने विपक्षी दलों पर बढ़त बना ली है.
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