लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधान परिषद चुनाव में सपा-बसपा ने अपने जिन दो प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उससे साफ है कि दोनों पार्टियां बहुत संभल कर अपने कदम बढ़ा रही हैं. इस चुनाव में बसपा ने दलित समाज से आने वाले भीमराव अम्बेडकर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि सपा के प्रत्याशी पिछड़े वर्ग के नरेश उत्तम पटेल हैं. पटेल कुर्मी बिरादरी से आते हैं. सपा-बसपा गठबंधन इसी सोशल इंजीनियरिंग से 2019 के चुनाव में उतरना चाहता है.
भाजपा ने 10 प्रत्याशियों में पिछड़े वर्ग से केवल अशोक कटारिया और अनुसूचित जाति से सिर्फ एक विद्यासागर सोनकर को प्रत्याशी बनाया है. सपा-बसपा के प्रत्याशियों को देखने से साफ पता चलता है कि उसके एजेंडे में सबसे ऊपर बहुजन समाज है. जहां तक बसपा प्रभारी की बात है तो पार्टी ने अपने जमीनी नेता भीमराव अम्बेडकर को सदन में भेजने का अपना वादा पूरा किया है. अम्बेडकर को राज्यसभा में पहुंचाने में असफल रही पार्टी प्रमुख मायावती ने उन्हें विधान परिषद में भेज दिया है. सभी उम्मीदवारों का चुना जाना तय है.
राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।