सिमडेगा। झारखंड के सिमडेगा जिले में भूख से तड़पकर 11 साल की बच्ची संतोषी कुमारी की मौत के बाद राज्य सरकार निशाने पर है. आधार कार्ड नहीं होने से परिवार को राशन नहीं मिला. घर में अनाज का एक दाना नहीं था. परिवार के लोग कुछ दिन से भूखे थे. राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने इस मामले में अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि उनके अफसर तो किसी भी निर्देश का पालन ही नहीं करना चाहते.
झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने सीएम के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर मामले का ठीकरा फोड़ा है. उनके मुताबिक, मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वैसे लोगों का राशन कार्ड को रद्द करने का निर्देश दिया था, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है. सरयू राय के मुताबिक, विभागीय मंत्री होने के बाद भी कई अफसर उनकी बात नहीं सुनते. अफसरों की लापरवाही से एक बच्ची की भूख से जान चली गई.
इस घटना की स्वतंत्र जांच करने वाली फैक्ट-फाइंडिंग टीम का कहना है कि संतोषी के परिवार को 8 महीने से राशन नहीं मिला. राशन देने वाले का कहना है कि परिवार का राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा नहीं है. इसलिए राशन नहीं दिया गया.
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि अधिकारियों की टीम तथ्यों की जांच के लिए सिमडेगा ज़िले में भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि ये मामला बेहद गंभीर है और इस मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड को ‘आधार’ से जोड़ना अनिवार्य नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सचिव से कहा गया है कि वे जल्दी अधिकारियों की एक टीम झारखंड भेजें और इस मामले के तथ्यों की तहकीकात करें.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आधार कार्ड नहीं होने से सरकार किसी को राशन के लाभ से वंचित नहीं कर सकती. ऐसे में मुख्य सचिव का ये निर्देश सुप्रीम कोर्ट की आदेश के खिलाफ है.
बता दें कि 11 साल की संतोषी कुमारी ने 8 दिन से खाना नहीं खाया था. 28 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी. उसकी मां ने बताया कि दुर्गा पूजा की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद हो गया था. इस वजह से संतोषी को मिड डे मील भी नहीं मिल सका. वह भात (चावल) मांगते-मांगते मर गई.

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