Sunday, February 23, 2025
HomeTop Newsराज्य दे सकते हैं प्रमोशन में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट

राज्य दे सकते हैं प्रमोशन में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण पर दिए फ़ैसले की तारीफ़ की है. मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्यों में प्रमोशन में आरक्षण, सख़्ती से लागू करने की माँग की है.

मायावती ने कहा कि कोर्ट के फ़ैसले का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार राज्यों को चिट्ठी लिखे और उनसे इसे लागू करने को कहे. मायावती ने ये आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने साढ़े चार साल में अभी तक पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर कोई काम नहीं किया.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पास अब मौक़ा है कि वो कोर्ट के इस फ़ैसले को ईमानदारी से लागू करवाये. दरअसल, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में एससी-एसटी के आरक्षण पर फ़ैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट ने आरक्षण देने को राज्यों के विवेक पर छोड़ दिया है.

कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो वे प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की ये अर्ज़ी ख़ारिज कर दी कि एससी-एसटी को आरक्षण दिये जाने में उनकी कुल आबादी पर विचार किया जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए सरकार को एससी और एसटी के पिछड़ेपन के आधार पर डेटा जुटाने की जरूरत नहीं है. शीर्ष अदालत ने नागराज मामले में 2006 में दिए गए अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करने से भी इनकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने साल 2006 के फ़ैसले में कहा था, “राज्य को प्रमोशन में आरक्षण के प्रावधान करने से पहले हर मामले में अनिवार्य कारणों, जैसे कि पिछड़ापन, प्रतिनिधित्व में कमी और प्रशासनिक दक्षता की स्थिति को दिखाना होगा.”

कोर्ट ने कहा कि ये फ़ैसला सही है और इस पर फिर से विचार करने की ज़रूरत नहीं है. पांच सदस्यों (चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस कूरियन जोसेफ़, जस्टिस रोहिंटन फ़ली नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदू मल्होत्रा) वाली संविधान पीठ ने एकमत होकर ये फ़ैसला सुनाया.

Read it also-बहन जी ने निकाली RSS के संवाद कार्यक्रम की हवा

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये आप हमें paytm (9711666056) कर सकतें हैं। 

लोकप्रिय

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Skip to content