लखनऊ। डॉ. आनंद स्वरूप अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने पढ़ाई की और उच्च शिक्षा हासिल कर डॉक्टर बनें। लेकिन उनका सफर आसान नहीं रहा। उन्हें आरक्षण को लेकर ताने मिले। एक बार उन्होंने सोचा कि सब छोड़ कर पिता के साथ किसानी की जाए, लेकिन फिर उन्होंने जातिवादियों को मुंह-तोड़ जवाब देने की ठानी। और पढ़ाई में इतने रमें कि टॉपर बन गए। तमाम जगह नौकरी करने के बाद उन्होंने लखनऊ को अपना ठिकाना बनाया और फिलहाल अपना हॉस्पीटल चला रहे हैं।
डॉ. आनंद स्वरूप हड्डी रोग विशेषज्ञ और सर्जन हैं। जिस स्पाइन सर्जरी में बड़े-बड़े डॉक्टर हाथ डालने से डरते हैं, डॉ. आनंद स्वरूप विशेषज्ञ हैं। आम तौर पर जिस गठिया रोग को लोग असाध्य मानते हैं या फिर आपरेशन ही एकमात्र विकल्प मानते हैं, डॉ. स्वरुप ने नया इलाज खोजा है। वो बिना आपरेशन के गठिया का इलाज करते हैं। उनका दावा है कि जो तमाम लोग घुटने को बदलना ही गठिया का एकमात्र इलाज मानते हैं, उनमें से साठ फीसदी लोगों को वह बिना घुटना बदले ही ठीक करने का दावा करते हैं। दलित दस्तक के संपादक अशोक दास ने लखनऊ में उनका विस्तार से इंटरव्यू लिया। यू-ट्यूब पर वह लिंक देखें-

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।