नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपनी किताब में तमाम बातें साझा की है. इसमें लालू यादव ने जो बातें लिखी है, उससे बिहार की सियासत में बवाल हो गया है. अपनी किताब में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू यादव ने दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने के 6 महीने बाद ही दोबारा से महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे. लेकिन उन्होंने नीतीश को वापस लेने से इंकार कर दिया.
लालू ने दावा किया है कि इसके लिए नीतीश के करीबी और जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पांच बार उनसे मुलाकात की थी. हालांकि पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने लालू के इस दावे को खारिज कर दिया है और इन सारी बातों को बकवास कहा हैं.
राजद अध्यक्ष के दावे को बेबुनियाद बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू अपने आप को चर्चा में बनाए रखने के लिए एक नाकामयाब कोशिश कर रहे है. लालू के अच्छे दिन अब पीछे रह गए हैं.हालांकि प्रशांत किशोर ने कहा, ‘हां मैंने जदयू ज्वाइन करने से पहले लालू यादव से मुलाकात की थी लेकिन ऐसी कोई बात नहीं हुई थी. अगर मुझसे ये पूछा जाए कि लालूजी से क्या-क्या बातें हुई और अगर मैंने बता दिया तो लालू जी को काफी शर्मिंदगी महसूस होगी.‘
बता दें कि लालू यादव ने अपनी किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी‘ में दावा किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोबारा से गठबंधन का हिस्सा बनना चाहते थे. लेकिन लालू ने नीतीश को वापस महागठबंधन में लेने से साफ इनकार कर दिया क्योंकि नीतीश लालू का भरोसा खो चुके थे.
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