साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही राजनीति में कदम रखने वाले हैं, इसे लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ रही है. रजनीकांत ने 19 जून को हिंदू पीपल्स पार्टी(हिंदू मक्कल काची) के नेताओं के साथ चेन्नई में मुलाकात की. समाचार एजेसीं ANI के मुताबिक पार्टी के महासचिव रविकुमार और नेता अर्जुन सम्पत ने चेन्नई के पोस गार्डन स्थित निवास पर मुलाकात की. मुलाकात को लेकर पार्टी नेता अर्जुन सम्पत ने कहा, “हमने उनसे बातचीत की और उनका जवाब भी काफी अच्छा था. रजनीकांत ने कहा कि वे राज्य और देश के लिए कुछ करना चाहते हैं. वह बहुत जल्दी राजनीति में आने के बारे में सोच रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर रजनीकांत ने कहा कि पार्टी के नेता उन्हें अपनी शिष्टाचार भेंट देने पहुंचे थे और यह भेट सामान्य तौर पर थी.
रजनीकांत ने बीती 18 जून को किसानों के लिए एक रिवर इंटरलिंकिंग प्रॉजेक्ट के लिए 1 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी. लेकिन इस मदद को किसान एसोसिएशन के लीडर अय्याकन्नू और कई नेताओं ने लेने से इंकार कर दिया. पैसे वापिस करने की वजह बताते हुए अय्याकन्नू ने कहा था, “वो एक सुपर अभिनेता हैं, अगर वो पीएम को पैसे देंगे तो वो उसे लेकर कुछ करेंगे. लेकिन हमें वो पैसा देंगे तो उसका हम क्या करेंगे?” अय्याकन्नू ने पैसे के इस्तेमाल में असमर्थता जताते हुए यह बातें मीडिया के सामने कहीं. उनका मत था कि प्रॉजेक्ट के लिए मिलने वाली रकम का किसान क्या करेंगे. गौरतलब है हिंदू मक्कल काची पार्टी नेताओं ने रजनीकांत से मुलाकात उनके पैसे ऑफर करने के अगले दिन ही की है.
बीते कई महीनों से रजनीकांत के राजनीति में कदम रखने को लेकर कई सारी खबरें सामने आती रही हैं. बीते महीने ही रजनीकांत के भाई सत्यनारायण राव गायकवाड़ ने बताया था कि रजनीकांत जुलाई महीने के अंत तक राजनीति में एंट्री कर सकते हैं. सत्यनारायण ने कहा था- “यह लोगों की चाहत है कि रजनीकांत राजनीति में आएं. उन्होंने इस बारे में अपने फैन्स से विचार करना भी शुरू कर दिया है.” बहुत जल्दी से इस बारे में बड़ा निर्णय देश के सामने आ जाएगा.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।