राजस्थान में दलित कर्मचारियों ने बड़ी एकजुटता दिखायी है। अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसियेशन ( अजाक) की ओर से पाली जिले में बीते 23 मार्च, 2022 को मारे गए जितेंद्र मेघवाल के परिजनों को तीन लाख, 31 हजार रुपए की राशि दी गयी। जाहिर तौर पर यह सहायता मृतक के परिजनों के लिए बड़ी सहायता है और यह इस बात का परिचायक है कि वे पीड़ित परिवार के साथ हैं।
दरअसल, जितेंद्र मेघवाल की हत्या उसके बारवां गांव के ही दो पुरोहित समुदाय के लोगों ने केवल इसी कारण से कर दी कि वह दलित था और उनके सामने झुकने को तैयार नहीं था। यह घटना बीते 23 मार्च, 2022 को तब घटित हुई थी जब वह अपने घर जा रहा था। हत्यारों ने उसे चाकू से गोद-गोदकर उसकी हत्या कर दी थी।
हालांकि राजस्थान सरकार की ओर से भी जितेंद्र कुमार मेघवाल के परिजनों को पांच लाख रुपए दिए जाने की सूचना है। लेकिन राजस्थान के दलित संगठन राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि जितेंद्र मेघवाल के परिजनों को कम से कम एक करोड़ रुपए और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाय।
इसी आशय की मांग अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसियेशन ( अजाक) ने भी की है। इसके साथ ही इस संगठन ने अपनी ओर से आर्थिक सहायता दी। इसके लिए संगठन के सदस्यों ने 3,31,000 रुपए का चेक चेक जितेंद्र के भाई ओमप्रकाश जी मेघवाल तथा चाचाजी भला राम जी मेघवाल को सौंपा। इस मौक़े पर अजाक पाली के पदाधिकारीगण लच्छा राम जी वाघेला,अविनाश जी पंवार, बसंत कुमार जी रॉयल, दौला राम जी मेघवाल , बाबू लाल जी चौहान, मोहन जी कुर्डिया, सुख देव जी देपन, राजेश्वर जी पुनड,प्रदीप जी वर्मा, खीमा राम जी पारगी आदि उपस्थित थे।

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