नई दिल्ली। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार या यूं कहें की ममता बनर्जी और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच पिछले दो दिनों से जारी वर्चस्व की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को जांच के लिए सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है. हालांकि शीर्ष अदालत ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है. अदालत के इस फैसले को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी नैतिक जीत बताकर स्वागत किया है.
कोर्ट का फैसला आने के बाद कोलकाता में धरने पर बैठीं ममता बनर्जी ने कहा कि हम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान और स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम यही चाहते हैं और यह हमारी नैतिक जीत है. ममता ने कहा कि राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं करेंगे. राजीव कुमार ने खुद लिखा है कि आपस में बैठकर बातचीत करते हैं. लेकिन वह उन्हें बिना किसी नोटिस के गिरफ्तार करना चाहते थे. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ‘केंद्र और राज्य सरकार के अपने अपने दायरे हैं. हम एक- दूसरे के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देते. हम यही चाहते थे. राजीव कुमार पहले ही पांच पत्र लिख चुके हैं कि मिलकर इस पर बात करते हैं. इस देश का बिग बॉस कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि संविधान है.’