Saturday, March 15, 2025
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सफाईकर्मी बना टीसी

Raju prasad

डबरा मेहनत और हिम्मत का जज्बा साथ हो तो सफलता मिल ही जाती है. डबरा स्टेशन पर स्वीपर के तौर पर कार्यरत राजू प्रसाद गौड़ ने यह साबित कर दिखाया. स्टेशन की साफ-सफाई करते हुए मेहनत से पढ़ाई की. परिणाम टीसी की विभागीय परीक्षा में उन्होंने 270 अभ्यर्थियों में से झांसी मंडल में टॉप किया. अब स्टेशन पर सफाई करने वाला राजू, कोट पहनकर टिकट चैक करेगा.

राजू प्रसाद गौड़ उत्तरप्रदेश के बलिया शहर के रहने वाले हैं. 2013 में रेलवे में स्वीपर के पद पर पदस्थ हुए. डबरा से पहले वह मुरैना रेलवे स्टेशन पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम करते रहे. लेकिन कुछ महीने पहले डबरा में ट्रांसफर हो गया. डबरा में सफाई के साथ-साथ उन्होंने नियमित तैयारी की. समय-समय पर विभागीय परीक्षाएं दी, बुकिंग कलर्क की परीक्षा में भी पास हो गए थे. लेकिन उनका लक्ष्य टीसी बनने का था, उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. जनवरी माह में टीसी की विभागीय परीक्षा दी, जिसका 21 जून को रिजल्ट घोषित हुआ. इसमें उन्होंने झांसी मंडल में टॉप किया है. राजू की सफलता पर स्टेशन मास्टर केएस मीना सहित अन्य कर्मचारियों ने बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है. राजू का कहना है कि ‘मैंने अपने काम को कभी छोटा नहीं समझा बल्कि उसे कैसे अच्छा करूं यही सोचा.’

बुकिंग क्लर्क की परीक्षा में झांसी में तीसरा स्थान था
टीसी के पहले राजू प्रसाद ने बुकिंग कलर्क की विभागीय परीक्षा दी थी. परीक्षा नवंबर 2016 में आयोजित हुई थी. इसका रिजल्ट जनवरी 17 में आया. इसमें राजू ने झांसी मंडल में तीसरा स्थान प्राप्त किया था. लेकिन राजू का उद्देश्य टीसी बनने का था, इसलिए उन्होंने बुकिंग कलर्क की ज्वाइनिंग नहीं की, और कड़ी मेहनत से तैयारी में जुटे रहे, जिससे उन्हें सफलता मिली. इस संबंध में पीआरओ मनोज कुमार का कहना है कि विभागीय टीसी की परीक्षा का रिजल्ट 21 जून को घोषित किया है. जानकारी में पता चला कि जिस अभ्यर्थी ने मंडल में टॉप किया है वह डबरा स्टेशन पर स्वीपर के पद पदस्थ था. राजू का कहना है कि भविष्य में भी वह आगे उच्च पदों पर भर्ती की तैयारी करता रहेगा.

भाई-बहन को आगे पढ़ाने की नौकरी
राजू प्रसाद ने बताया कि उन्होंने आर्ट से ग्रेजुऐशन किया है. ग्रेजुऐशन के बाद नौकरी की तैयारी की, इस बीच 2013 में उनका चयन रेलवे में सफाई कर्मचारी के रूप में हो गया. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. माता-पिता के अलावा परिवार में तीन भाई एक बहन है, सभी पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें आगे बेहतर पढ़ाने के लिए ही उन्होंने रेलवे में यह सर्विस ज्वाइन कर ली. पिछले चार सालों से सफाई कर्मचारी के रूप में रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

 

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