इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में तथागत बुद्ध की 1700 वर्ष पुरानी मूर्ति मिली है. धार्मिक सौहार्द और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान ने मूर्ति को लोगों के सामने रखा है. खैबर पख्तूनख्वाह में प्राचीन बौद्ध स्थल की खोज पहली बार 1929 में हुई थी. 88 साल बाद खुदाई फिर से शुरू हुई और 14 मीटर ऊंची बुद्ध की मूर्ति पाई गई.
भामला के संग्रहालय और पुरातत्व विभाग के निदेशक अब्दुल सामद ने कहा कि बुद्ध की यह मूर्ति तीसरी शताब्दी की है. यह दुनिया की सबसे पुराने ध्यानमग्न बुद्ध की मूर्ति हैं. उन्होंने कहा कि तथागत बुद्ध की यह मूर्ति कंजूर के पत्थर से बनी है और 14 मीटर ऊंची (48 फीट ऊंची) है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा हमने 500 से अधिक तथागत बुद्ध से संबंधित सामग्रियों को खोज निकाला है.
सामद ने कहा कि यह हमारे देश की संपत्ति है. हमें इसका संरक्षण करना चाहिए. इस तरह की बुद्ध की मूर्ति दुनिया में दूसरी नहीं है. इस प्रतिमा को संभालकर रख दिया गया है, जिसे लोग देख सकते हैं. खैबर पख्तूनख्वाह 2300 साल पहले मौर्य सम्राट अशोक के साम्राज्य में बौद्ध सभ्यता का केंद्र रहा था.
देश के विपक्षी नेता और क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान बौद्ध देशों से तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकता है. उन्होंने देश में तथागत बुद्ध से संबंधित पुरातात्विक स्थलों को सुरक्षित रखने और बनाए रखने की जरूरत पर बल दिया.
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