मयूरभंज। ओडिशा के एक सरकारी स्कूल का अजीब मामला सामने आया है. वहां के एक टीचर ने कथित रूप से तीन छात्राओं को अपने खेतों में काम पर लगा दिया था.
बताया जा रहा है कि मयूरभंज के ठाकुरमुंड इलाके में मौजूद एक सरकारी स्कूल की टीचर संगीता सरिता मुंडा ने तीन लड़कियों से अपने खेतों में काम करवाया, इसके बदले में उन्हें प्रतिदिन के 100 रुपए भी दिए . अब मामले की जांच की जा रही है.
Odisha: Teacher at a school in Mayurbhanj’s Thakurmunda, allegedly made 3 students work in her fields for 3 days and paid each of them Rs.100 per day. Inquiry initiated. pic.twitter.com/uVfuLinw6x
— ANI (@ANI) November 25, 2017
तीनों लड़कियां आदिवासी समाज की हैं, वे स्कूल के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती हैं. मामले का खुलासा उस समय हुआ जब बच्चियों के माता-पिता स्कूल में उनसे मिलने आए और बच्चियां स्कूल से गायब थी. अभिभावकों ने इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी और विरोध-प्रदर्शन किया. मामला बढ़ता देखकर शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के आदेश दिए.
ओडिशा का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले जुलाई में एक ऐसा ही मामला सामने आया था. तब एक प्राइमरी स्कूल की महिला टीचर ने अपने छात्रा से स्कूटी साफ करवाई थी. बाद में पता लगा था कि स्कूल प्रशासन की तरफ से कई बार उसे चेतावनी दी गई है, जिसके बाद भी वो बाज नहीं आ रही थी.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।