भारतीय जनता पार्टी से लगभग डेढ़ साल के याराने के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा का हाथ झटक कर फिर से राजद का हाथ थाम लिया है। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बिहार में हुए इस सियासी उठा पटक का सबसे ज्यादा फायदा किसे मिलेगा?
बिहार के बदले सियासी हालात को लेकर सी वोटर ने एक टीवी चैनल के लिए बिहार की जनता के बीच जाकर सर्वे किया है। इस सर्वे में बदले सियासी हालात का सबसे ज्यादा फायदा तेजस्वी यादव को बताया जा रहा है। जनता से जब पूछा गया कि बिहार में गठबंधन टूटने का फायदा किसको होगा? इस सवाल पर 33 फीसदी लोगों ने बीजेपी का नाम लिया तो वहीं, महज 20 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को फायदा पहुंचने की बात कही। सबसे ज्यादा 47 फीसदी लोगों ने कहा कि इसका लाभ तेजस्वी यादव को मिलेगा।
बीजेपी और जदयू में आई खटास की वजह पूछे जाने पर 28 फीसदी लोगों ने जेडीयू की ओर से उपराष्ट्रपति नहीं बनाने का कारण बताया। तो इतने ही प्रतिशत लोगों का कहना था कि भाजपा द्वारा आरसीपी सिंह को प्रमोट किए जाने की बाद से नीतीश कुमार नाराज थे। वहीं, 30 फीसदी लोगों ने कहा कि बिहार में मंत्रियों के बीच मतभेद के कारण बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूटा।
हालांकि एक बार फिर से नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है, लेकिन सर्वे में जब पूछा गया कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में से किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए तो करीब 56% लोगों ने तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगाई। वहीं, 44 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार का नाम लिया।
बता दें कि यह सर्वे एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने किया था। इसमें बिहार के 1 हजार 415 लोगों की राय पूछी गई। कुल मिलाकर साफ है कि बिहार की सियासत में तेजस्वी यादव नंबर वन बनने की राह पर हैं।
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अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।