रिजर्व बैंक (RBI) ने आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) से चार्जेस हटा दिए हैं. आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में बड़े फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल होने वाले रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम यानी आरटीजीएस और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर यानी एनईएफटी के लिए चार्ज हटा दिए हैं.
आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक भी अपने ग्राहकों के लिए चार्ज कम कर सकते हैं. अभी तक आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी पर चार्ज वसूलता था. ज्यादातर सभी बड़े बैंक 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के आरटीजीएस फंड ट्रांसफर के लिए 25 रुपए और टाइम वैरिंग चार्ज लेते हैं. वहीं 5 लाख रुपए से अधिक के लिए ये बैंक 50 रुपए और टाइम वैरिंग चार्ज वसूलते हैं.
आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए कोई भी व्यक्ति, कंपनी, फर्म अपने बड़े फंड ट्रांसफर करती है.
आज रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है. अब रेपो रेट (Repo Rate) 6 फीसदी से घटकर 5.75 फीसदी हो गई है. इससे आपके होम लोन, कार लोन का बोझ कम होगा. रेपो रेट के अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को 5.50 और बैंक रेट को 6 फीसदी कर दिया है. ऐसा माना जा रहा था कि मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों (रेपो रेट) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त पड़ने से रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ गया था.
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