गुरुग्राम। दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम से बुरी खबर आई है. शहर के सेक्टर-49 स्थित उप्पल साउथ एंड एस ब्लॉक के फ्लैट नंबर 299 ग्राउंड फ्लोर में रहने वाले डॉक्टर प्रकाश सिंह (55) ने पत्नी सोनू सिंह (50), अदिति (22) और आदित्य (13) का रविवार रात को कत्ले-ए-आम किया फिर कुछ देर बाद खुद भी जान दे दी.
मूलरूप से यूपी के वाराणसी के रहने वाले प्रकाश सिंह पिछले 8 साल से गुरुग्राम के सेक्टर 49 में रह रहे थे. बताया जा रहा है कि प्रकाश सिंह की पत्नी सोनू सिंह के चार प्ले स्कूल थे. खुद डॉक्टर प्रकाश सिंह भी एक फार्मेसी कंपनी से जुड़े हुए थे. गुरुग्राम पुलिस की मानें तो उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उऩ्होंने लिखा है- ‘मैं अपने परिवार को संभाल नहीं पा रहा था.’
वहीं, सुसाइड नोट को लेकर पड़ोसियों का कहना है कि प्रकाश सिंह का परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही मजबूत था. पत्नी डॉक्टर सोनू सिंह हर सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी और कभी भी चंदा देने में पीछे नहीं हटती थीं.
ऐसे में सबसे अहम बात यह है कि आर्थिक रूप से मजबूत होने के बाद इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? मृतक पत्नी सोनू सिंह के स्टाफ का कहना है कि उनका स्वभाव बहुत अच्छा था, साथ ही बच्चों का व्यवहार भी शांत था. बेटा आदित्य सेक्टर 49 स्थित डीएवी स्कूल में पढ़ता था, तो बेटी दिल्ली जामिया कॉलेज से पढ़ाई कर रही थी.
सोनू सिंह के स्टाफ ने यह चौंकाने वाला दावा किया है कि डॉ. प्रकाश सिंह बेहद गर्म स्वभाव के थे. वह सन फार्मा कंपनी में साइंटिस्ट थे. बताया जा रहा है कि 2 महीने पहले उनकी नौकरी छूट गई थी. पूरे परिवार के खत्म हो जाने से लगभग 35 लोगों की नौकरी के ऊपर ही संकट छा गया है.
बेटा, बेटी और पत्नी का कत्ल प्रकाश सिंह ने रात कितने बजे किया और फिर खुद कितने बजे फांसी लगाई? इसका सटीक पता तो पोस्टमार्टम के बाद ही चलेगा, लेकिन बताया जा रहा है कि डॉक्टर प्रकाश सिंह ने रविवार रात को अपने पूरे परिवार को तेजधार हथियार से मार डाला. इनमें पत्नी के अलावा, एक लड़का और एक लड़की है. इसके बाद खुद भी फांसी पर लटक गए. यह महज इत्तेफाक है कि ठीक एक साल पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 30 जून, 2018 की रात को भी खूनी खेल खेला गया था, जिसमें ललित की सनक के चलते 11 लोगों ने फांसी लगा ली, जिसमें ललित भी शामिल था.
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