पटना। बोध गया महाविहार को ब्राह्मणों से मुक्त कराने का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। 7 मार्च को यह मामला बिहार विधानसभा में उठा। बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सतीश कुमार दास ने BP Act को निरस्त करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने पुरजोर तरीके से न सिर्फ इस मुद्दे को उठाया, बल्कि कई चुभते सवाल भी छोड़ दिये, जिससे हिन्दू धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची लग गई है।
मकदूमपुर विधानसभा से विधायक सतीश कुमार ने बौद्ध समाज की मांग को बिहार विधानसभा में उठाते हुए बीटी एक्ट को खत्म करने की वकालत की और आर्टिकल 26 के तहत बौद्धों को धार्मिक स्वतंत्रता देने की वकालत की। इस बीच सतीश कुमार के उस बयान के बाद बिहार विधानसभा में हंगामा मच गया, जब उन्होंने राम मंदिर में भी बौद्धों, मुस्लिमों और जैनों को अधिकार देने की बात कर दी।
बिहार विधानसभा में इस मु्द्दे के उठने के बाद अब बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। राजद विधायक इस मुद्दे पर भाजपा और जदयू को घेरने में जुट गए हैं। आलम यह है कि दुनिया भर से बोधगया महाविहार को पूरी तरह से बौद्धों को सौंपने की उठती मांग का मुद्दा अब नीतीश कुमार और भाजपा के गले की फांस बन गया है। उम्मीद है कि 10 मार्च को दिल्ली में बजट का दूसरा सत्र शुरू होने के बाद यह मुद्दा संसद में भी गूंजेगा।

मानवाधिकार और एंटी कॉस्ट आंदोलन से जुड़े गुड्डू कश्यप साल 2023 से दलित दस्तक के साथ सक्रिय हैं। खासकर बिहार की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखते हैं।