उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मुज़फ्फरनगर में लगभग 150 से ज्यादा गाय की मौत का मामला सामना आया है. इस पूरी घटना को देखते हुए सबसे बड़ा चोकाने वाली बात ये है. कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के मुख्य मंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ के राज में गाय की मौतों की तादात बढ़ने के साथ आखिर क्यों मर रही है लगातार गाय, ये यूपी सरकार के साथ साथ जिला प्रसाशन के लिए एक बड़ा सवाल है.
दरअसल ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मुज़फ्फरनगर का है. हम आपको बतादे की ये जनपद मुज़फ्फरनगर के उसी गांव का मामला है. जहां से केंद्र में बनी थी में भाजपा की सरकार लेकिन फिर भी उसी जनपद में आखिर क्यों मर रही है भाजपा शाशित देश के उत्तर प्रदेश में लगातार गाय ये अब तक का सबसे बड़ा चौका देने वाली घटना है. दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर के ब्लॉक मोरना के खादर क्षेत्र क्ष्रेत्र में जहां लगभग 150 गांव की संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई है. तो वंही मौत की सूचना पाकर गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. सूचना के मुताबिक अब से कुछ दिन पूर्व भी ब्लाक मोरना के ही खाई खेड़ा गांव में बुधवार की सुबह भूख प्यास के चलते लगभग 11 गए मरने की बात सामने आई थी लगभग अभी 1 सप्ताह भी नहीं गुजरा था कि मुजफ्फरनगर के शुकरताल क्षेत्र के जंगल में लगभग 150 की संख्या में मृत गायों की सूचना मिलते ही क्षेत्र में मातम सा पसर गया, लेकिन शासन-प्रशासन को मानो भनक भी ना हो आज भगत सिंह गो वंश समिति के अध्यक्ष विकास अग्रवाल अपनी टीम के साथ लगभग 10 किलोमीटर दूर पैदल चलने के बाद मृत अवस्था में पड़ी गायो देखने पहुंचे घटनास्थल पर पहुंचने के बाद देखा कि मृत पड़ी गायों को चील कौवे नोच रहे हैं, और जंगल मे गाय के शवों के अंग इधर उधर बिखरे पड़े है. इस दौरान गाय चराने वाले व्यक्ति ने बताया कि शासन-प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की गई है. मृत पड़ी गायो का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. वह खुले आसमान में हर दस पंद्रह कदम पर गायों के शव पड़े हैं. जिनको खूंखार पक्षियों ने बुरी तरीके से नोच रखा हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में गायों को मारने वाला कौन है. क्यो योगीराज में गाय के अंतिम संस्कार के लिए शासन-प्रशासन से क्यों नहीं मिली सहायता,
इतना ही नही ग्रामीणों ने यहाँ तक बताया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत के चलते कुछ भू माफियाओं ने कर रखा है सरकारी जमीनों पर भारी कब्जा, जिनमें भू माफिया करते है खेती, यदि गांव वालों की मानें तो भू माफियाओं ने अपनी खेती के नुकसान के चलते दिया है गौ माताओं को जहर अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन इन पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच कर आरोपियों को पहुंचाएगी सलाखों के पीछे ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा, अगर सूत्रों की माने तो अभी तक इस पूरी घटना पर किसी भी तरह की कोई कारवाई नहीं हो पाई है.
वंही कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों ने गाय की मौत की वजह पर बात करते हुए ये भी बताया कि ज्यादातर बीमार गाय एक के बाद एक गाय ने दम तोड़ दिया. और क्षेत्र में अन्य गाय के भी बीमार हो जाने की आशंका अभी भी बनी हुई है. वंही ककरौली क्षेत्र के गांव खाईखेड़ा में जिला पंचायत के निर्माणाधीन कांजी हाउस में बेसहारा गोवंश के लिए जिला पंचायत द्वारा एक गाड़ी भरकर हरा चारा भेजा गया तथा अस्थायी शेड की भी व्यवस्था करा दी गई है, जिससे गोवंश को राहत मिलने की उम्मीद बनी हुए है. जिला पंचायत के अवर अभियंता अरविंद कुमार कांजी हाउस में सबमर्सिबल सहित अन्य व्यवस्थाओं को शीघ्र बनाने में जुट गए हैं. मोरना व भोपा के पशु चिकित्सकों की टीम बीमार गोवंश का इलाज कर रही है. वंही मंसूरपुर क्षेत्र के एक गांव में
गोवंश को रख रखाव के उद्देश्य से एकत्र कर एक घर में बंद किया गया है. दरअसल मंसूरपुर क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर में आवारा घूम रहे पशुओं से परेशान होकर ग्रामीणों ने उनको एक घर में बंद कर दिया. पशुओ की सूचना पर ग्राम सचिव इनाम भी मौके पर पहुंचे. गांव पुरा के पशु चिकित्सक शरद कुमार ने गांव में पहुंचकर पशुओं का चिकित्सीय परीक्षण किया. गांव में घूम रहे 55 आवारा पशुओं को ग्रामीणों ने एक घर में बंद कर दिया है. ग्राम प्रधान सुभाष त्यागी की ओर से पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है. ग्राम प्रधान का कहना है कि जिला प्रशासन को शीघ्र इन पशुओं को गोशाला में भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए.
रिपोर्ट- संजय कुमार, मुजफ्फरनगर
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