2019 में किसकी सरकार बनेगी यह तो चुनाव के नतीजों के बाद साफ होगा, लेकिन उसके पहले दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल जारी है. यह साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी और उसके ब्रांड नरेन्द्र मोदी 2019 के चुनाव में जीत के लिए एयर स्ट्राइक पर निर्भर हैं. ऐसे में मोदी के एयर स्ट्राइक को चुनौती देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने NYAY स्कीम की घोषणा कर दी. इस योजना के मुताबिक कांग्रेस की सरकार बनने पर देश के तकरीबन पांच करोड़ गरीबों के खाते में सलाना 72 हजार रुपये डालने की बात कही जा रही है. इससे बैकफुट पर आई भाजपा ने अबकी बार अंतरिक्ष में एयर स्ट्राइक का दांव चल दिया है.
कांग्रेस की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम जब एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा घोषित NYAY स्कीम कैसे लागू होगी… यह बता रहे थे, उसी के आस-पास नरेंद्र मोदी ने एयर स्ट्राइक की खबर दे दी. भारत ने अंतरिक्ष के भीतर एक सेटेलाइट को मार कर गिरा दिया. इसी सूचना को लेकर मोदी देश की जनता के बीच मन की बात कहने आ गए. पहले उन्होंने ट्विट किया कि वो बड़ी खबर सुनाने वाले हैं, जिसके बाद फिर उन्होंने अंतरिक्ष में सेटेलाइट मारने की खबर सुनाई. ऐसा कर मोदी एक बार फिर से एयर स्ट्राइक के भरोसे चुनावी बढ़त लेने के मूड में हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या इसका असर चुनावों में भी होगा?
दरअसल यह वास्तव में एक बड़ी खबर है कि भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है. अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है, जो अंतरिक्ष में किसी सेटेलाइट को माकर गिरा सकता है. देश के वैज्ञानिकों को इसके लिए बहुत बधाई. संभवतः परमाणु परीक्षण के बाद यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है. लेकिन यहां सवाल राजनीति का है, तो चुनावों में इसका कितना असर होगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन जनता को यह समझना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस एंटी सैटेलाइन हथियार की बात कही, ऐसा करने का माद्दा भारत के पास 2012 से ही था. DRDO के तत्कालीन प्रमुख वीके सारस्वत ने 2012 में ही दावा कर दिया था कि भारत के पास दुश्मन सैटेलाइट को मार गिराने के सभी जरूरी तकनीक मौजूद हैं. तो ऐसा नहीं है कि यह वर्तमान सरकार की कोई बड़ी उपलब्धि है जो उसने बीते पांच साल में हासिल किया है. निस्संदे यह भारत सरकार की उपलब्धि है, जिसमें कांग्रेस की सरकार को भी क्रेडिट जाता है. लेकिन अगर इसे मोदी जी या भाजपा अपनी उपलब्धि कहते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है.
भले ही यह मोदी सरकार की निजी उपलब्धि नहीं है लेकिन इस परीक्षण का चुनावी फायदा लेने के लिए भाजपा और उसके नेता एयर स्ट्राइक का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने में लग गए हैं.
Read it also-भाजपा ने इस वजह से काट दिया दलित-पिछड़ों का टिकट

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।